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राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान के 44वें दीक्षांत समारोह में 430 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई
नई दिल्ली, 28 फरवरी। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि डिजाइन केवल सौंदर्य शास्त्र के संबंध में नहीं है। यह एक नवाचार है, जिसका भारतीय विरासत पर प्रभाव रहा है, जो देश के विकास में भूमिका निभाएगा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) के 44वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। गोयल ने कहा कि नए स्नातक विरासत और देश के भविष्य में सेतु का कार्य करेंगे। दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल, वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री जितिन प्रसाद और गवर्निंग काउंसिल के सदस्य भी उपस्थित थे।
गोयल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विश्व के लिए ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजाइन इन इंडिया’ के आह्वान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नए स्नातक इसे वास्तविक रूप देंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि समस्या समाधानकर्ता, नवोन्मेषक और डिजाइनर के रूप में ये स्नातक विश्व के लिए कार्य करेंगे। उन्होंने कहा, “आप विश्व के निर्माता होंगे, विश्व आपकी प्रतीक्षा कर रहा है।” 44वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर विभिन्न विषयों के 430 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई।
वाणिज्य मंत्री ने अंतरिक्ष से लेकर सेमीकंडक्टर तक के क्षेत्रों में डिजाइन के बढ़ते महत्व पर जोर देते हुए बताया कि चंद्रयान अंतरिक्ष मिशन का पहला चरण उपग्रह का डिजाइन था, जिसने इसकी सफलता को जन्म दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की डिजाइन क्षमताएं ऑडियो-विजुअल प्रौद्योगिकियों से लेकर गेमिंग, सततता, खिलौनों और अन्य क्षेत्रों में प्रदर्शित होंगी। गोयल ने कहा कि डिजाइन में संभावनाएं अनंत हैं।
गोयल ने कहा कि हमें देश के 140 करोड़ लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विशाल स्तर पर नवीन विचार और नवाचार सृजित करने होंगे। समावेशी विकास और प्रगति हमारे देश का संकल्प और शक्ति है। अपनी क्षमताओं के साथ विश्व में सृजन करें, बदलाव लाएं और अपना प्रभाव बनाएं। हमारे बच्चे, भारत के उज्ज्वल भविष्य के शिल्पकार हैं। इनकी मेहनत से भारत, विकास की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करते हुए विश्व में अपनी नई पहचान स्थापित करेगा।