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नई दिल्ली, 12 फ़रवरी । केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज कहा कि सहकारिता के माध्यम से रोजगार सृजन और ग्रामीण क्षेत्र की समृद्धि दोनों संभव है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के किसानों और ग्रामीण क्षेत्र के हित में सहकारिता मंत्रालय का गठन कर सहकार से समृद्धि का मंत्र दिया है।
उन्होंने आज यहां ‘सहकारी समितियों को सशक्त करने के लिए की गई और वर्तमान में की जा रही पहलें’ विषय पर सहकारिता मंत्रालय की संसदीय परामर्शदात्री समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह अभिमत व्यक्त किया। बैठक में केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री कृष्णपाल और मुरलीधर मोहोल, समिति के सदस्यों, केंद्रीय सहकारिता सचिव और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के बाद परामर्शदात्री समिति की यह पहली बैठक है।
अमित शाह ने कहा कि केन्द्र में सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद हमने सबसे पहले राज्यों के साथ मिलकर प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) का डेटाबेस बनाने का काम किया और दो लाख पैक्स के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस विकसित करने का काम लगभग पूरा हो चुका है और अब देशभर की सहकारी समितियों की क्षेत्रवार जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध है। शाह ने कहा कि पैक्स के कंप्यूटरीकरण के लिए कदम उठाये गये। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में देश की एक भी पंचायत ऐसी नहीं होगी जहां पैक्स उपलब्ध नहीं हों।
उन्होंने कहा कि पैक्स को व्यावहारिक बनाने के लिए बनाए गये उपनियमों को देश के लगभग सभी राज्यों ने अपनाया है। उन्होंने कहा कि पैक्स को 20 से अधिक गतिविधियों से जोड़ा गया है और अब वे कॉमन सर्विस सेंटर, जन औषधि केन्द्र सहित अन्य सेवाएं प्रदान करना शुरू कर चुकी हैं।
अमित शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने मौजूदा बजट सत्र में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय के गठन के लिए विधेयक पेश किया है और जल्द ही संसद से पारित होगा। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के गठन से सहकारी क्षेत्र में आने वाले पेशेवरों को तकनीकी शिक्षा, एकाउंटिंग और प्रशासन संबंधी जानकारी और प्रशिक्षण मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे सहकारी क्षेत्र में प्रशिक्षित मेनपावर उपलब्ध हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल), राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक लिमिटेड (एनसीओएल) और भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (बीबीएसएसएल) जैसी सहकारी संस्थाओं का गठन किया गया है, जिससे सहकारी क्षेत्र में निर्यात, ऑर्गेनिक उत्पादों और उन्नत बीजों को बढ़ावा मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि इन पहलों से आगामी कुछ वर्षों में सहकारी क्षेत्र में व्यापक बदलाव देखने को मिलेगा।
अमित शाह ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि कोऑपरेटिव सेक्टर को कॉर्पोरेट सेक्टर के समान ही अवसर उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक और आयकर विभाग के साथ मिलकर कॉर्पोरेट सेक्टर और कोऑपरेटिव सेक्टर के लिए टैक्स संरचना को एकसमान बनाने के लिए कदम उठाये हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि देश के सहकारिता क्षेत्र से जुड़े उद्यम कॉर्पोरेट जगत के साथ स्पर्धा के साथ आगे बढ़ेंगे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को साकार करेंगे।
शाह ने परामर्शदात्री समिति को बताया कि सहकारिता से जुड़े राष्ट्रीय फेडरेशनों के त्वरित विकास के लिए कृषक भारती कोऑपरेटिव लिमिटेड (कृभको), इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको), राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और अन्य फेडरेशनों के साथ रोडमैप बनाने पर कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि आज के समय में पैक्स रेलवे टिकटों की बुकिंग का काम कर रहे हैं और उन्होंने विश्वास जताया कि जल्द ही पैक्स भी एयरलाइंस टिकटों की बिक्री कर सकेंगे।
बैठक में समिति के सदस्यों ने देश में सहकारी समितियों का सशक्तीकरण करने संबंधी मुद्दों पर अपने सुझाव दिए और सरकार द्वारा देश की सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों की सराहना की।