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कोलकाता, 12 फरवरी । दार्जिलिंग हिल्स को डूअर्स क्षेत्र से जोड़ने के लिए कोरोनेशन ब्रिज के वैकल्पिक पुल के निर्माण की योजना अंतिम चरण में पहुंच गई है। इस पुल को पश्चिम बंगाल में तीस्ता नदी पर एनएच-17 पर बनाया जाएगा। केंद्र सरकार इस परियोजना को जल्द से जल्द मंजूरी देने की दिशा में कार्य कर रही है।
पश्चिम बंगाल भाजपा की ओर से इस बारे में बुधवार को एक दस्तावेज जारी किया गया है। इसमें देखा जा सकता है कि लोकसभा में इस संबंध में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो चुकी है और इसके अनुमोदन की प्रक्रिया जारी है। डीपीआर को अंतिम रूप दिए जाने के बाद सरकार से स्वीकृति मिलने पर निर्माण कार्य आरंभ किया जाएगा।
तीन वर्षों में पूरा होगा निर्माण कार्य
गडकरी ने बताया कि इस नए पुल की अनुमानित लागत 1190.40 करोड़ रुपये तय की गई है। परियोजना के तहत निर्माण कार्य को 36 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। पुल का निर्माण कार्य तभी शुरू होगा जब सभी संबंधित सरकारी एजेंसियों से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त हो जाएगा।
कोरोनेशन ब्रिज वर्षों से दार्जिलिंग हिल्स और डूअर्स क्षेत्र को जोड़ने का मुख्य मार्ग रहा है। लेकिन ब्रिज की जर्जर स्थिति और लगातार बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए सरकार ने इसका वैकल्पिक पुल बनाने का निर्णय लिया है। इस नए पुल से यात्रियों और व्यापारिक गतिविधियों को सुगम करने में मदद मिलेगी।
दार्जिलिंग और डूअर्स क्षेत्र पर्यटन और चाय उद्योग के लिए प्रसिद्ध हैं। इस पुल के बनने से इन इलाकों में आवाजाही सुगम होगी, पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी और स्थानीय व्यवसायों को भी लाभ मिलेगा। साथ ही, यह पुल सैन्य आवाजाही के लिए भी अहम होगा, क्योंकि यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है।
बंगाल भाजपा ने कहा है कि कोरोनेशन ब्रिज का वैकल्पिक पुल सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। केंद्र सरकार इस परियोजना को तेजी से स्वीकृति दिलाने और निर्माण कार्य जल्द शुरू कराने के लिए प्रयासरत है। पुल के निर्माण से उत्तर बंगाल और पूर्वोत्तर भारत के बीच कनेक्टिविटी और मजबूत होगी, जिससे क्षेत्र का समग्र विकास संभव हो सकेगा।