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नई दिल्ली, 7 फ़रवरी । केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज चौहान ने शुक्रवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कृषि संबंधी सवालों के जवाब देते हुए विपक्ष को जमकर घेरा और केन्द्र सरकार की उपलब्धियां गिनाई। इस दौरान कृषि मंत्री ने ई-नाम पोर्टल, एफपीओ और एमएसपी सहित किसान कल्याण की योजनाओं के संबंध में विस्तार से सदन में अपनी बात रखी।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक विजनरी लीडर हैं और किसान कल्याण और कृषि का विकास उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हित में लगातार काम कर रही है और नवाचार के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी, तब स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से उन्होंने इनकार कर दिया। विपक्ष के एक नहीं बल्कि चार मंत्रियों ने एफिडेविट देकर साफ इनकार किया था कि 50 प्रतिशत उत्पादन की लागत पर मुनाफा जोड़कर तय नहीं की जा सकती है, इससे बाजार विकृत हो जाएगा, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने तय किया कि उत्पादन की लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत लाभ जोड़कर ही एमएसपी तय की जाएगी। शिवराज सिंह ने कहा कि हमने किसानों के लिए 6 सूत्रीय रणनीति बनाई है, जिसमें उत्पादन बढ़ाना, लागत घटाना, नुकसान की भरपाई, फसलों के ठीक दाम, फसलों का विविधिकरण और प्राकृतिक खेती शामिल है, जिससे किसानों को बेहतर दाम और लाभ मिल सके।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि ई-नाम मतलब राष्ट्रीय कृषि बाजार। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अप्रैल 2016 को ई-नाम लॉन्च किया। ये एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है, जो किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने में मदद करता है। किसान को केवल अपनी मंडी में ही अपना उत्पादन बेचना पड़ता था, बाकी जगह अगर मंडियों में दाम अच्छे होते थे तो उसकी जानकारी भी किसानों को नहीं होती थी। ई-नाम एक राष्ट्र बाजार की अवधारणा को लेकर कृषि उपज मंडियों को डिजिटल माध्यम से जोड़ता है, ताकि जहां किसान को उच्चतम मूल्य मिले, उच्चतम बोली लगे वहां किसान अपनी फसल बेच पाए और इससे किसान को एक बाजार उपलब्ध हुआ है।
शिवराज चौहान ने कहा कि ई-नाम प्लेटफॉर्म के तहत एक फॉर्म गेट मॉड्यूल बनाया गया है, ताकि किसान अपनी उपज के फ़ोटो को फॉर्मगेट से ही अपलोड कर सके। उपज को भौतिक रूप से लाने के आवश्यकता मंडी में नहीं है, बिना उपज को लाए ही ई-नाम पर बोली सुविधा का वो लाभ उठा सकता है। ई-नाम मोबाईल एप के माध्यम से किसान अपनी उपज के ढेर को 360 डिग्री चारों दिशाओं से फोटो खीचकर पोर्टल पर डाल सकता है, जिसे खरीददार बोली लगाने से पहले देख सकते हैं कि वो कैसा है। ई-नाम एप के माध्यम से किसान अपनी उपज का लोड बनाकर अपने घर से ही अग्रिम पंजीकरण कर सकता है।
कृषि मंत्री ने कहा कि छोटे-छोटे किसान जिनकी उपज कम होती है, वो अपनी उपज के बेहतर दाम अकेले प्राप्त नहीं कर पाते हैं, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक और काम हुआ है, जिसमें छोटे-छोटे किसानों को जोड़ कर एफपीओ का निर्माण किया जा रहा है। अब तक 10 हजार से ज्यादा एफपीओ बनाए गए हैं। ये एफपीओ संगठित होकर अपने आदान की व्यवस्था करते हैं, अपने सामान की मार्केटिंग-ब्रांडिंग कर सकते हैं। जब ये संगठित होते हैं तो इनकी उचित मूल्य प्राप्त करने की ताकत बढ़ जाती है। इस पोर्टल का लाभ उठाने के लिए उनको सारी जानकारी अपनी उपज का 360 डिग्री फोटो डालना होता है। 31 दिसंबर 2024 तक लगभग 4 हजार 362 किसान उत्पादक संगठन ई-नाम से जुड़ चुके हैं और इसका लाभ उठा रहे हैं। इसके द्वारा कृषि उत्पाद की बिक्री में किसानों को ऑनलाइन पेमेंट भी प्राप्त होता है, जिसमें एफपीओ भी शामिल है, ऑनलाइन रसीद की प्राप्ति करने में आसानी होती है।