कोलकाता, 07 फरवरी। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी संजय राय को फांसी की सजा देने की राज्य सरकार की अपील को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सीबीआई की अपील ही स्वीकार्य है, क्योंकि जांच का कार्य सीबीआई के अधीन है।

सियालदह अदालत ने संजय राय को दोषी ठहराया था, लेकिन इसे ‘दुर्लभतम में दुर्लभ’ मामला नहीं मानते हुए उसे मृत्युदंड देने से इनकार कर दिया। इसके बजाय अदालत ने संजय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी, जिसे अब अदालत ने अस्वीकार कर दिया है।

सीबीआई ने भी संजय के लिए फांसी की सजा की मांग की थी, साथ ही राज्य सरकार की अपील की वैधता पर भी सवाल उठाया। सीबीआई के वकील ने तर्क दिया कि जब पीड़िता का परिवार जांच एजेंसी या स्वयं दोषी उच्च न्यायालय में अपील नहीं कर रहे हैं, तो राज्य सरकार की अपील कैसे स्वीकार की जा सकती है? हाई कोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए सीबीआई की याचिका को सुनवाई योग्य माना जबकि राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया।

आरजी कर कांड में पीड़िता के परिवार ने अदालत में संजय को फांसी देने का विरोध किया है। उनका मानना है कि इस घटना में और भी लोग शामिल हो सकते हैं और संजय को फांसी देने से सभी सबूत नष्ट हो सकते हैं। परिजनों ने कहा कि वे सीबीआई की जांच से संतुष्ट नहीं हैं और इस मामले की गहराई से जांच की जरूरत है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में भी याचिका दायर कर दी है।