कोलकाता, 1 फरवरी । तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत वित्त वर्ष 2025-26 के आम बजट की आलोचना करते हुए केंद्र सरकार पर पश्चिम बंगाल के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है।

टीएमसी के महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, “जब पश्चिम बंगाल ने 18 भाजपा सांसदों को संसद में भेजा था, तब भी राज्य के साथ अन्याय हुआ था। इस बार भी राज्य को बजट में पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है।” उन्होंने इस बजट को वोट-उन्मुख बताते हुए कहा कि इसे बिहार विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।

पूर्व वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य आर्थिक सलाहकार अमित मित्रा ने भी बजट पर नाराजगी जताई। उन्होंने बीमा क्षेत्र में सौ फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी देने के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह कदम अंतरराष्ट्रीय कॉर्पोरेट दबावों के कारण उठाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी दरों में कटौती किए बिना बीमा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति देना आम जनता के हित में नहीं है।

बजट में न्यूनतम कर स्लैब को सात लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये करने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा कि वह इस पर विस्तृत अध्ययन के बाद ही टिप्पणी करेंगे। वहीं, अमित मित्रा ने कहा कि महंगाई पर नियंत्रण के उपायों की कमी के कारण इसका वास्तविक प्रभाव काफी हद तक कम हो जाएगा।

हालांकि, पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने टीएमसी के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार खुद केंद्र की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने दे रही है। उन्हें केंद्र सरकार पर आरोप लगाने के बजाय अपनी नीतियों पर ध्यान देना चाहिए।”