कोलकाता, 26 जनवरी। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कार 2025 के विजेताओं की घोषणा की। इस वर्ष पश्चिम बंगाल के नौ प्रतिष्ठित व्यक्तियों को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। ये सभी अपने-अपने क्षेत्र में अद्वितीय योगदान देने वाले व्यक्तित्व हैं, जिनमें संगीत, नृत्य, शिक्षा, समाज सेवा और उद्योग जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

पद्मश्री सम्मान प्राप्त करने वाले व्यक्तियों में प्रसिद्ध गायक अरिजीत सिंह, नृत्यांगना और अभिनेत्री ममता शंकर, ढाक वादक गोकुल चंद्र दास, सरोद वादक पंडित तेजेंद्र नारायण मजूमदार, शिक्षाविद नागेंद्र नाथ रॉय, सामाजिक कार्यकर्ता विनायक लोहानी, धर्मगुरु स्वामी प्रदीप्तानंद (कार्तिक महाराज) और उद्योगपति पवन गोयनका और सज्जन भजनका शामिल हैं।

अरिजीत सिंह: पहली बार मिला राष्ट्रीय सम्मानभारत के जाने-माने गायक अरिजीत सिंह को उनके संगीत में अभूतपूर्व योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया। अपनी आवाज के जादू से लाखों दिलों पर राज करने वाले अरिजीत ने हिंदी, बंगाली और अन्य भाषाओं में सैकड़ों गाने गाए हैं। यह उनका पहला राष्ट्रीय सम्मान है। इससे पहले उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और सात फिल्मफेयर अवॉर्ड मिल चुके हैं।

ममता शंकर: नृत्य और अभिनय का संगममशहूर नृत्यांगना और अभिनेत्री ममता शंकर को भी पद्मश्री से नवाजा गया है। विशेष बातचीत में इस सम्मान पर प्रतिक्रिया देते हुए ममता ने कहा, “मैं यह खबर सुनकर अभिभूत हूं। यह सम्मान मेरे माता-पिता, मेरे दर्शकों, मेरे सह-कलाकारों और उन सभी का है, जिन्होंने मेरे काम को सराहा। यहां तक कि जो लोग मेरे काम को पसंद नहीं करते, उन्होंने भी मुझे बेहतर बनने के लिए प्रेरित किया।”

50 से अधिक फिल्मों में अपने अभिनय से पहचान बनाने वाली ममता ने मृणाल सेन, सत्यजीत रे और बुद्धदेव दासगुप्ता जैसे दिग्गज निर्देशकों का भी धन्यवाद किया।

पंडित तेजेंद्र नारायण मजूमदार: सरोद के जादूगरसरोद वादक पंडित तेजेंद्र नारायण मजूमदार को उनके संगीत में उत्कृष्टता के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया। पुरस्कार की घोषणा के समय वे आईआईटी खड़गपुर के स्प्रिंग फेस्ट में प्रस्तुति दे रहे थे। उन्होंने कहा, “यह सम्मान केवल मेरे लिए नहीं, बल्कि उन सभी के लिए है जिन्होंने मेरे संगीत पर विश्वास किया। यह मुझे भारतीय शास्त्रीय संगीत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने की जिम्मेदारी देता है।”

गोकुल चंद्र दास: परंपरा को नया आयाम देने वाले ढाक वादकपश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध ढाक वादक गोकुल चंद्र दास को भी पद्मश्री से सम्मानित किया गया। महिलाओं को ढाक बजाने की कला सिखाकर उन्होंने परंपरागत मान्यताओं को चुनौती दी है। अब तक वे 150 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित कर चुके हैं। गोकुल ने कहा, “यह सम्मान मैं अपने गुरु पंडित तन्मय बोस को समर्पित करता हूं, जिन्होंने मुझे आगे बढ़ने का मौका दिया।”

स्वामी प्रदीप्तानंद: धर्म और समाज सेवा के प्रतीकभारत सेवाश्रम संघ के बेलडांगा शाखा के प्रमुख स्वामी प्रदीप्तानंद (कार्तिक महाराज) को भी इस वर्ष पद्मश्री से सम्मानित किया गया। धर्म और समाज सेवा के क्षेत्र में उनके योगदान को सराहा गया है।

अन्य सम्मानित व्यक्ति : इसके अलावा, शिक्षाविद नागेंद्र नाथ रॉय को शिक्षा और साहित्य में योगदान के लिए पद्मश्री मिला। सामाजिक कार्यकर्ता विनायक लोहानी को समाज सेवा में उनके कार्यों के लिए यह सम्मान दिया गया। उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में योगदान के लिए पवन गोयनका और सज्जन भजनका को भी पद्मश्री से सम्मानित किया गया। इन सभी ने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है।