दमिश्क, 13 नवंबर। सीरिया में इराकी शिया मिलिशिया ने सोमवार को दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर ड्रोन हमले किए। हमलों में सीरियाई गांव अल खदरा और देश के दक्षिण-पूर्व में ग्रीन विलेज बेस के पास स्थित सुविधाओं को निशाना बनाया गया।
इराक में इस्लामिक प्रतिरोध ने ग्रीन विलेज बेस को निशाना बनाकर किए गए हमले की जिम्मेदारी ली है।
एक बयान में कहा गया, “इराक में इस्लामिक प्रतिरोध के लड़ाकों ने सीरिया के अंदरूनी हिस्से में ग्रीन विलेज में अमेरिकी कब्जे वाले अड्डे पर ड्रोन हमला किया है।”
सूत्रों के अनुसार अल खदरा में अमेरिकी ठिकाने पर भी हमला किया गया है।
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पूर्वी सीरिया में कोनोको ठिकाने को रॉकेट हमले में निशाना बनाया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा, देश के उत्तर-पूर्व में स्थित अल-शदादी में एक अमेरिकी ठिकाने पर तीन ड्रोन से हमला किया गया। यह हमला कथित तौर पर रविवार को पूर्वी सीरिया में दो ईरानी ठिकानों पर किए गए अमेरिकी हमलों की प्रतिक्रिया बताए जा रहे हैं।
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने रविवार को पुष्टि की कि मध्य पूर्व में अमेरिकी सैनिकों पर लगातार हमलों के जवाब में अमेरिकी सैनिकों ने पूर्वी सीरिया में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) और ईरान से जुड़े समूहों की सुविधाओं पर हमले किए थे। बाद में दिन में, फॉक्स न्यूज ने अमेरिकी रक्षा विभाग के एक सूत्र का हवाला देते हुए रिपोर्ट दी कि सीरिया में आईआरजीसी ठिकानों पर अमेरिकी हमलों के कारण कम से कम छह लोग मारे गए।
इराक में सक्रिय शिया सशस्त्र समूहों द्वारा दावा किए गए अमेरिकी हवाई अड्डों पर हमलों की संख्या पिछले हफ्तों में काफी बढ़ गई है। पेंटागन के अनुसार, 17 अक्टूबर से 06 नवंबर के बीच, मिलिशिया ने सीरिया और इराक में अमेरिकी ठिकानों पर 38 बार हमला किया, जिसके कारण कुल 46 सैनिक घायल हो गए।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी सेना वर्तमान में रक्का, दीर एज़-ज़ोर और अल-हसाकाह प्रांतों के कुछ हिस्सों को नियंत्रित करती है, जहां सीरिया के सबसे बड़े तेल और गैस क्षेत्र स्थित हैं। सीरियाई सरकार अपने क्षेत्र पर अमेरिकी सेना की उपस्थिति को कब्ज़ा और राष्ट्र डकैती मानती है।