नई दिल्ली, 13 दिसंबर । भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीएफएफआई) और उसके संबद्ध निकायों को प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता को रोकने का निर्देश दिया है। हालांकि, सीसीआई ने टीएफएफआई और उसके सहयोगियों पर कोई मौद्रिक जुर्माना नहीं लगाया है।
निष्पक्ष व्यापार नियामक सीसीआई ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीएफएफआई) और उसके संबद्ध निकायों को प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता रोकने का निर्देश जारी किया गया है। नियामक ने महासंघ द्वारा अनुचित व्यवहारों की चिंताओं को दूर करने के लिए सुधारात्मक कदम उठाए जाने के साथ ही महासंघ और उसके सहयोगियों पर कोई मौद्रिक जुर्माना नहीं लगाने का फैसला किया है।
सीसीआई ने एक दिन पहले यानी गुरुवार को प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 27 के प्रावधानों के तहत दी सबअर्बन टेबल टेनिस एसोसिएशन (टीएसटीटीए), महाराष्ट्र राज्य टेबल टेनिस एसोसिएशन (एमएसटीटीए), गुजरात राज्य टेबल टेनिस एसोसिएशन (जीएसटीटीए) और भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीटीएफआई) के विरुद्ध करार से इनकार करने और प्रभावशीलता का दुरुपयोग करने पर अधिनियम की धारा 3(4) और 4 के प्रावधानों के उल्लंघन पर ये आदेश पारित किया था।
आयोग ने कहा कि टीटी फ्रेंडली सुपर लीग एसोसिएशन द्वारा प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा 19(1)(ए) के तहत दायर शिकायत के आधार पर यह मामला शुरू हुआ था। हालांकि, प्रतिस्पर्धा आयोग ने अधिनियम की धारा 27 के तहत स्थगन-और-रोक आदेश जारी किया, लेकिन भारतीय टेबल टेनिस महासंघ और उसके सहयोगी निकायों पर कोई मौद्रिक दंड न लगाने का फैसला किया गया।