कोलकाता, 27 नवंबर । पश्चिम बंगाल सरकार राज्य के तीन प्रमुख थर्मल पावर प्लांट्स के आधुनिकीकरण के लिए 2450 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। यह जानकारी राज्य के बिजली मंत्री अरूप विश्वास ने बुधवार को विधानसभा में दी।

उन्होंने बताया कि सागरदिघी थर्मल पावर प्लांट के आधुनिकीकरण पर 1610 करोड़ रुपये, बैंडेल प्लांट पर 650 करोड़ रुपये और कोलाघाट प्लांट पर 190 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

मंत्री ने यह भी कहा कि मौजूदा थर्मल पावर प्लांट्स में नए उत्पादन यूनिट स्थापित करने की योजनाएं बनाई जा रही हैं। इनमें बक्रेश्वर, सागरदिघी और दुर्गापुर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (डीपीएल) शामिल हैं।

सागरदिघी में दो सुपर-क्रिटिकल थर्मल पावर यूनिट्स, जिनकी क्षमता 800 मेगावॉट प्रति यूनिट होगी, के लिए निविदा प्रक्रिया जारी है। कुल 1600 मेगावॉट उत्पादन क्षमता वाले इन यूनिट्स के अलावा, बक्रेश्वर में 660 मेगावॉट और संथालडीह में भी 660 मेगावॉट का उत्पादन यूनिट स्थापित करने की योजना है।

उन्होंने आगे बताया कि पुरुलिया में 12.5 मेगावॉट का सोलर जनरेशन यूनिट स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा, सागरदिघी और संथालडीह में 20-20 मेगावॉट और बक्रेश्वर में 10 मेगावॉट क्षमता वाले सोलर यूनिट्स लगाने की योजना है।

अरूप विश्वास ने यह भी बताया कि पुरुलिया में 1000 मेगावॉट क्षमता वाले पंप्ड स्टोरेज हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर प्लांट की स्थापना की योजना पर काम चल रहा है।

मंत्री ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल बिजली दरों के मामले में देश के सभी राज्यों में 17वें स्थान पर है। यहां प्रति यूनिट बिजली शुल्क 7.12 रुपये है।