कोलकाता, 22 नवंबर। कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ ने शुक्रवार को मंदारमणि में 140 होटलों, रिसॉर्ट्स और लॉज के विध्वंस के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। यह आदेश पूर्व मेदिनीपुर जिले के जिलाधिकारी द्वारा जारी नोटिफिकेशन पर दिया गया।
न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की पीठ ने कहा कि यह रोक 13 दिसंबर तक प्रभावी रहेगी। इससे पहले जिलाधिकारी को पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करनी होगी। मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।
साल 2022 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने इन 140 होटलों को तोड़ने का आदेश दिया था। अधिकरण ने कहा था कि ये होटल तटीय क्षेत्र नियमन प्राधिकरण के नियमों का उल्लंघन कर बनाए गए हैं। विध्वंस के लिए 20 नवंबर 2024 की अंतिम तारीख तय की गई थी।
जिलाधिकारी ने इस आधार पर विध्वंस का नोटिफिकेशन जारी किया। लेकिन, मुख्यमंत्री ने 19 नवंबर को विध्वंस रोक दिया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय उच्च अधिकारियों, विशेषकर मुख्य सचिव मनोज पंत, से परामर्श के बिना लिया गया। मुख्यमंत्री ने विध्वंस के फैसले पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में “बुलडोजर कल्चर” लागू नहीं होने दिया जाएगा, जो अन्य राज्यों में देखने को मिल रहा है।
होटल, रिसॉर्ट और लॉज मालिकों ने इस नोटिफिकेशन को चुनौती देते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को हाईकोर्ट ने विध्वंस आदेश पर रोक लगा दी।
तृणमूल कांग्रेस ने इस मामले में वाममोर्चा सरकार को दोषी ठहराया। पार्टी का कहना है कि पिछली सरकार ने निर्माण के दौरान प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया। पार्टी ने यह भी कहा कि इतनी बड़ी संख्या में होटलों के विध्वंस से हजारों लोगों की नौकरी चली जाएगी और मालिकों को भारी नुकसान होगा। मामला अब फिर से अदालत के अधीन है, और अगली सुनवाई तक विध्वंस कार्य पर रोक रहेगी।