कोलकाता, 22 नवंबर । पश्चिम बंगाल की छह विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों के नतीजे शनिवार को घोषित किए जाएंगे। इस बीच यह सवाल उठ रहा है कि आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना का इन चुनाव परिणामों पर कोई असर होगा या नहीं।
ये छह विधानसभा सीटें सीताई (कूचबिहार), मदारीहाट (अलीपुरद्वार), तालडांगरा (बांकुड़ा), मेदिनीपुर (पश्चिम मेदिनीपुर) और हाड़ोआ व नैहटी (उत्तर 24 परगना) में हैं। इन क्षेत्रों में मतदान 13 नवंबर को हुआ था, जिसमें हिंसा के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
इन उपचुनावों की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि इन सीटों के विधायक इस साल के आम चुनाव में लोकसभा सांसद चुने गए थे। 2021 के विधानसभा चुनाव में, मदारीहाट को छोड़कर, जहां भाजपा उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी, बाकी पांच सीटों पर तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार विजयी रहे थे।
तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व का दावा है कि वे इन सभी छह सीटों पर जीत हासिल करेंगे। पार्टी का कहना है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना का चुनाव परिणामों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
उनके आत्मविश्वास के पीछे एक कारण यह है कि इन उपचुनावों में चार तरफा मुकाबला हुआ, जिसमें तृणमूल कांग्रेस, भाजपा, वाममोर्चा और कांग्रेस शामिल थे। इससे विपक्षी वोट तीन हिस्सों में बंट गए, जिसका सीधा लाभ सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को मिलने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि 2016 के विधानसभा चुनावों से शुरू होकर इस साल के आम चुनावों तक वाममोर्चा और कांग्रेस के बीच सीट साझेदारी का जो समझौता चला आ रहा था, वह इन उपचुनावों में समाप्त हो गया। इसके बजाय, वाममोर्चा ने नैहटी सीट पर सीपीआई(एम-एल) के उम्मीदवार को समर्थन देकर राज्य की वाम राजनीति में एक नई समीकरण पेश की है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन उपचुनावों के परिणाम बेहद अहम हैं। ये नतीजे 2026 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के लिए सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्षी दलों की रणनीतियों को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।