कोलकाता, 18 नवंबर। “हिंदू बंगाली बचेगा तो बंगाल बचेगा और बंगाल बचेगा तो भारत बचेगा।” इस नारे के साथ ‘राष्ट्रवादी पत्रकार लेखक संघ’ का गठन किया गया है। इसका उद्देश्य समान विचारधारा वाले राष्ट्रवादी लेखक-पत्रकारों को एक मंच पर लाना है। हालांकि फिलहाल यह संगठन व्हाट्सएप ग्रुप तक सीमित है।

रविवार को मानिकतला के वॉर्ड इंस्टीट्यूशन स्थित पूर्वांचल कल्याण आश्रम के मुख्यालय कल्याण भवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचार विभाग के तत्वावधान में आयोजित विजया सम्मेलन कार्यक्रम में आरएसएस के पूर्व क्षेत्र संघचालक जयंत राय चौधरी, दक्षिण बंग प्रांत संघचालक जयंत पाल, दक्षिण बंग प्रांत कार्यवाह शशांक शेखर डे, वरिष्ठ अधिवक्ता अजय कुमार नंदी, वरिष्ठ पत्रकार रथींद्र मोहन बंद्योपाध्याय और विजय आढ़्य उपस्थित थे। उन्होंने संघ के विचारों और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।

आमंत्रितों ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रवादी विचारधारा के साथ पश्चिम बंगाल में पत्रकारिता करना आसान नहीं है। कई पत्रकारों और यूट्यूबर्स को पुलिस केस में उलझा दिया गया है। इसके खिलाफ संगठित विरोध की जरूरत है। वक्ताओं ने कहा कि दूसरे राज्यों में पत्रकारों के साथ कुछ होता है तो बंगाल की सत्ताधारी पार्टी हंगामा करती है, लेकिन अपने राज्य में ऐसी घटनाओं पर चुप रहती है। इस आयोजन में लगभग 50 लेखक-पत्रकार उपस्थित थे।

गौरतलब है कि 27 अगस्त को नवान्न अभियान में पुलिस को “चूड़ियां पहनने” की नसीहत देकर और भगवा कपड़े पहनकर हावड़ा ब्रिज पर जल तोपों के सामने तिरंगा लेकर खड़े रहने वाले बलराम बोस की पहल पर रविवार को ‘राष्ट्रवादी पत्रकार लेखक संघ’ का  ग्रुप बनाया गया है।

आरएसएस के प्रांत प्रचार प्रमुख बिप्लव राय ने बताया कि संघ का उद्देश्य समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है। व्हाट्सएप ग्रुप व्यक्तिगत पहल पर बनाया गया है। इसमें संघ की कोई सीधी भागीदारी नहीं है। राष्ट्रवादी लेखक-पत्रकारों का मानसिक जुड़ाव पहले से था, लेकिन अब विचारों के आदान-प्रदान के लिए यह मंच तैयार किया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान से देश में सकारात्मक प्रभाव पड़ा है, जिसे बीबीसी ने भी कवर किया लेकिन भारतीय मीडिया ने इसे नज़रअंदाज किया या इसकी आलोचना की। ऐसे में जरूरत है कि सकारात्मक सोच और स्वस्थ विचारधारा को बढ़ावा दिया जाए।

इस आयोजन में यह स्पष्ट किया गया कि राजनीति से परे जाकर समाज में स्वच्छ और स्वस्थ विचारधारा का प्रसार करना ही इसका मुख्य उद्देश्य है।