कोलकाता, 11 नवंबर । पश्चिम बंगाल की छह विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए प्रचार के अंतिम चरण में विपक्षी दलों ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते आपराधिक घटनाओं को राज्य सरकार के खिलाफ मुद्दा बनाने की कोशिश की है। दूसरी ओर, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। इस प्रचार में विपक्षी नेताओं ने विभिन्न स्थानीय मुद्दों को भी उठाया है।
पश्चिम बंगाल की जिन छह सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें से एकमात्र मदारीहाट सीट भाजपा के कब्जे में है। इस क्षेत्र में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दूसरी बार जाकर प्रचार किया। वीरपाड़ा में आयोजित सभा में उन्होंने बंद चाय बागानों, चाय श्रमिकों की स्थिति और मेडिकल कॉलेज के निर्माण का वादा किया। साथ ही उन्होंने लोगों से कहा कि, “अभया के माता-पिता से प्रेरणा लें और निर्भीक होकर वोट दें।”
इसी बीच, कूचबिहार के सिताई में कांग्रेस और वामदलों की सभाओं पर हमले का भी आरोप लगाया गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कूचबिहार में तृणमूल पर “गुंडाराज” का आरोप लगाते हुए कहा, “उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा गुंडों के सरगना हैं। यहां लोकतंत्र नहीं बचा, तृणमूल सरकार में केवल लूटपाट और भ्रष्टाचार चल रहा है।”
आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना के मुद्दे पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने तृणमूल सरकार पर हमला किया। बांकुड़ा में एक सभा में उन्होंने सवाल किया कि “जो लोग आरजी कर में ‘जस्टिस’ की मांग कर रहे हैं, क्या आपने किसी को ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते सुना है?” वहीं, सुप्रीम कोर्ट के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ पर भी उन्होंने तंज कसा कि “हाई कोर्ट में मामला चल रहा था, लेकिन बीच में चंद्रचूड़ ने कूदकर मामले को उलझा दिया।”
हालांकि, राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि विपक्ष जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि “तृणमूल की सरकार न्याय करने के पक्ष में है और आरजी कर घटना की जांच हो रही है। पुलिस ने एक आरोपित को पकड़ा और अदालत ने सीबीआई को जांच सौंपी। मगर किसी और आरोपित को पकड़ नहीं पाए।”
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शुभंकर सरकार ने जलपाईगुड़ी के बिन्नागुड़ी में मदारीहाट उपचुनाव के लिए कांग्रेस की तैयारियों का जायजा लिया। इस अवसर पर उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार विकास चंप्रमारी के साथ प्रचार किया और दावा किया कि उनके नेतृत्व में युवा तृणमूल के 20 सदस्य कांग्रेस में शामिल हुए।