छत्रपति संभाजीनगर, 02 नवम्बर। महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण विवाद के चलते गुरुवार को छत्रपति संभाजीनगर जिले में 15 नवम्बर तक निषेधाज्ञा लागू करते हुए ग्रामीण इलाकों में अगले 48 घंटों के लिए इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी हैं।

प्रशासन के अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से अफवाहों के प्रसार को रोकने और कानून -व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं। आदेश के अनुसार जिले में हथियार रखने और बिना अनुमति के पांच से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध रहेगा। प्रशासन ने कहा है कि आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इस बीच जालना जिले के अंबाद तालुका के अंतरवाली सरती गांव में भूख हड़ताल पर बैठे मराठा कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने बुधवार शाम से पानी पीना बंद कर दिया है और राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक पूरे मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

मराठवाड़ा क्षेत्र और राज्य के अन्य हिस्सों में कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों की हिंसा को देखते हुए पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। मराठावाड़ा क्षेत्र में राज्य द्वारा संचालित परिवहन सेवाएं अगले आदेश तक निलंबित कर दी गई हैं।

राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए बुधवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। बैठक में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सर्वसम्मति से अपील जारी की गई। एक प्रस्ताव भी पारित किया गया जिसमें जारांगे से सरकार के साथ सहयोग करने और अनशन वापस लेने की अपील की गई थी।