कोलकाता, 2 नवंबर (हि.स.) । दीपावली और काली पूजा के दौरान हुई आतिशबाजी की वजह से प्रदूषण का स्तर खतरनाक लेवल पर जा पहुंचा है। शुक्रवार रात से ही कोलकाता के कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 के पार पहुंच गया, जो “खतरनाक” श्रेणी में आता है। इस स्तर पर सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी खतरे उत्पन्न हो सकते हैं।

शहर के दक्षिणी हिस्सों में बालीगंज सर्कुलर रोड, बेहाला और टॉलीगंज तथा उत्तरी हिस्सों में मानिकतला, लेक टाउन और उल्टाडांगा जैसे इलाकों में प्रतिबंधित उच्च-डेसीबल पटाखों के फूटने की शिकायतें सबसे ज्यादा आई हैं। पुलिस की कार्रवाई के बावजूद इन पटाखों का धड़ल्ले से इस्तेमाल हुआ और अधिकतर क्षेत्रों में ध्वनि का स्तर 75 डेसीबल की अनुमानित सीमा से ऊपर दर्ज किया गया।

कोलकाता के उत्तरी हिस्से में साल्ट लेक और पास के हावड़ा में भी इसी प्रकार के उल्लंघन देखे गए। पिछले दो दिनों में कोलकाता पुलिस ने कुल 601 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 265 लोग प्रतिबंधित उच्च-डेसीबल पटाखे फोड़ने के आरोप में गिरफ्तार हुए।

पर्यावरण कार्यकर्ताओं का मानना है कि इस समस्या पर केवल पुलिस कार्रवाई से काबू नहीं पाया जा सकता। जब तक कि लोग खुद पटाखों से होने वाले प्रदूषण के खतरों के प्रति जागरूक न हों।

आमतौर पर, कोलकाता में प्रदूषण का स्तर काली पूजा और दीवाली के दौरान बढ़ना शुरू होता है और पूरी सर्दी के मौसम में ऊंचा ही रहता है। प्रदूषण से राहत केवल तभी मिलती है जब हल्की बारिश होती है, लेकिन कोलकाता के क्षेत्रीय मौसम विभाग ने फिलहाल बारिश की संभावना को नकारा है।

मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में दक्षिण बंगाल का मौसम शुष्क रहेगा और तापमान में गिरावट आने की संभावना है। हालांकि, उत्तर बंगाल के कुछ जिलों में अगले कुछ दिनों में छिटपुट बारिश का पूर्वानुमान है।