कोलकाता, 30 अक्टूबर । नियुक्ति घोटाले में सीबीआई के हाथों गिरफ्तार हुए मुर्शिदाबाद के बड़ज्ञा से तृणमूल कांग्रेस विधायक जीवन कृष्ण साहा  को पार्टी की गतिविधियों से दूर कर दिया गया है। बड़ज्ञा के विधायक ने कहा है कि उन्हें इस तरह के किसी निर्देश की जानकारी नहीं है। उन्होंने खुद को ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी का सिपाही बताया है।

कुछ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने साहा को जमानत दी थी, जिसके बाद वे जेल से रिहा हुए और पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया था। लेकिन, उसके बाद से वे तृणमूल के किसी बड़े कार्यक्रम में नजर नहीं आए।

मंगलवार को आयोजित एक विजय सम्मेलन में, मुर्शिदाबाद जिले के तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष रबीउल आलम ने मंच से घोषणा की कि राज्य नेतृत्व ने आदेश दिया है कि पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ता बड़त्रा के विधायक से कोई संबंध न रखें। आलम ने कहा कि यह ‘कैमक स्ट्रीट का आदेश’ है, जो कि अभिषेक बनर्जी का कार्यालय है।

रबीउल ने कहा कि राज्य नेतृत्व ने जीवन कृष्ण साहा को पार्टी की सभी गतिविधियों से दूर रखने का निर्देश दिया है। वे विधायक के रूप में अपने कार्यकाल के बाकी 12-14 महीने लोगों की सेवा के लिए रहेंगे, लेकिन तृणमूल की किसी भी गतिविधि में उनकी कोई भूमिका नहीं होगी। पार्टी ने उनके साथ सभी संबंधों को समाप्त करने का फैसला किया है।

इस घोषणा के बाद, साहा ने बुधवार को कहा कि मुझे इस तरह के किसी आदेश की जानकारी नहीं है। मैं ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी का सिपाही हूं और अपने विधायकी कार्य कर रहा हूं। कौन क्या कह रहा है, मुझे नहीं पता।

पिछले साल अप्रैल में सीबीआई ने जीवन कृष्ण साहा के घर पर छापा मारा था और जांच के दौरान उनके दो मोबाइल फोन को तालाब में फेंकने की घटना हुई थी, जिसे बाद में सीबीआई ने बाहर निकाला। साहा को अप्रैल 2023 में गिरफ्तार किया गया था और करीब 13 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी।