ब्रासीलिया, 29 अक्टूबर । ब्राजील ने चीन की महत्वपूर्ण बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) परियोजना में शामिल होने से इनकार कर दिया। राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा के अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेष सलाहकार सेल्सो एमोरिम ने कहा कि ब्राजील ने बीजिंग की अरबों डॉलर की इस पहल में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया है। ब्राजील के इस रुख से चीन को जोरदार झटका लगा है। गौरतलब है कि भारत पहले से ही इस परियोजना से दूरी बनाए हुए है। अब ब्राजील यह घोषणा कर ब्रिक्स समूह में भारत के बाद दूसरा देश बन गया है।
राष्ट्रपति लूला के सलाहकार एमोरिम ने ब्राजील के प्रमुख अखबार ‘ओ ग्लोबो’ से कहा कि ब्राजील सरकार इस परियोजना के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए बिना चीन के साथ संबंधों को नए स्तर पर ले जाना चाहती है। अखबार के अनुसार एमोरिम ने यह बयान तब दिया, जब उनसे पूछा गया कि क्या ब्राजील चीन की बीआरआई परियोजना में निवेश करेगा। उन्होंने कहा कि मुख्य मसला तालमेल का है। यह कोई बीमा पॉलिसी नहीं है, जिस पर नीचे हस्ताक्षर किया जाए।
इसके साथ ही एमोरिम ने संकेत दिया कि ब्राजील को औपचारिक रूप से चीन की इस परियोजना में शामिल नहीं होना चाहिए। चीन की यह परियोजना करीब एक दशक पुरानी है। उल्लेखनीय है कि एमोरिम ने पिछले सप्ताह चीन के एक मिशन में हिस्सा लिया। वह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले। उन्हें अगले महीने जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया। यह सम्मेलन ब्राजील के रियो डी जनेरियो में 20 नवंबर को होना है।
उल्लेखनीय है कि पिछले बुधवार को साओ पाउलो में संयुक्त राज्य अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई ने कहा कि ब्राजील को चीन की बीआरआई परियोजना से सतर्क रहना चाहिए। कैथरीन के बयान पर बीजिंग ने नाराजगी भी व्यक्त की।