कोलकाता, 28 अक्टूबर । राज्य संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व विवादित प्रिंसिपल संदीप घोष ने सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के एकल-न्यायाधीश पीठ के समक्ष जमानत याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति शुभेंदु समंता की एकल पीठ ने याचिका को स्वीकार कर लिया ।
संदीप घोष के खिलाफ सीबीआई दो समानांतर जांच कर रही है। पहला मामला आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है और दूसरा मामला इसी अस्पताल की जूनियर महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या से संबंधित है। अगस्त महीने में हुई इस घटना में संदीप घोष पर मुख्य आरोप जांच को गुमराह करने और सबूतों से छेड़छाड़ करने का है। मामले की शुरुआत में जब इस मामले की प्रारंभिक जांच कोलकाता पुलिस द्वारा की जा रही थी, तब उन्होंने ऐसा किया। बाद में कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
इससे पहले, संदीप घोष ने अपने फिक्स्ड डिपॉजिट को कानूनी खर्चों के लिए भुनाने की अनुमति हेतु कलकत्ता हाई कोर्ट में त्वरित सुनवाई की याचिका दायर की थी, जिसे न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया था। उसी मामले की सुनवाई भी सोमवार को न्यायमूर्ति समंता की एकल पीठ के समक्ष हो सकती है।
हाल ही में, पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट (डब्ल्यूबीजेडीएफ) ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज सीबीआई को सौंपे हैं, जिनसे यह उजागर होता है कि राज्य स्वास्थ्य विभाग ने संदीप घोष के प्रिंसिपल रहते हुए वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ की गई शिकायतों को नजरअंदाज किया था। इन दस्तावेजों में कुल 137 पृष्ठ शामिल थे
डब्ल्यूबीजेडीएफ के एक प्रतिनिधि ने कहा, “दस्तावेज़ न केवल संदीप घोष के प्रिंसिपल रहते हुए धन के गबन की घटनाओं को दिखाते हैं, बल्कि यह भी उजागर करते हैं कि कैसे राज्य स्वास्थ्य विभाग ने इस पर व्हिसलब्लोअर्स की शिकायतों को अनदेखा किया।”