भोपाल, 01 नवंबर। मध्यप्रदेश के 230 में से 29 विधायक ऐसे हैं, जिनके खिलाफ अदालतों में विभिन्न अपराधों के लिए आरोप तय किए हुए हैं, इनमें से सर्वाधिक 16 विधायक कांग्रेस के हैं।

ऐसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और मध्यप्रदेश इलेक्शन वॉच ने बुधवार को संयुक्त तौर पर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें ये जानकारी दी गई है। ये जानकारी विधायकों द्वारा दिए गए शपथ पत्रों के आधार पर जारी की गई है।

रिपोर्ट के अनुसार राज्य के कुल 29 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने स्वयं पर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इनमें कांग्रेस के 16, भारतीय जनता पार्टी के 12 और एक विधायक बहुजन समाज पार्टी से है। भाजपा के 12 विधायकों में से पांच मौजूदा सरकार में मंत्री हैं। 10 विधायकों के खिलाफ 10 साल या उससे अधिक समय से कुल 12 आपराधिक मामले लंबित हैं।

जिन विधायकों ने स्वयं के खिलाफ मामलों की जानकारी दी है, उनमें कांग्रेस के दिलीप गुर्जर, महेश परमार, नर्मदा प्रसाद प्रजापति, राकेश मावई, रामचंद्र दांगी, सुखदेव पांसे, सुनीता पटेल, विक्रम सिंह नातीराजा, सोहनलाल वाल्मीक, घनश्याम सिंह, प्रताप ग्रेवाल, जीतू पटवारी, कुणाल चौधरी, सचिन बिरला, विपिन वानखेड़े और अजब सिंह कुशवाह का नाम शामिल है।

रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश सरकार के मंत्रियों प्रद्युम्न सिंह तोमर, रामखिलावन पटेल, कमल पटेल, प्रहलाद लोधी और राजेंद्र शुक्ला के खिलाफ भी विभिन्न मामले दर्ज हैं। इनके अलावा भाजपा विधायकों जालम सिंह पटेल, केपी प्रजापति, प्रणय प्रभात पांडे, पारस जैन, राम दांगोरे, अनिरुद्ध मारू, राजेंद्र शुक्ला और विक्रम सिंह के खिलाफ भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। बसपा की राम बाई ने भी अपने खिलाफ दर्ज मामलों की जानकारी सार्वजनिक की है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन सभी विधायकों के खिलाफ दर्ज मामले इनकी अयोग्यता का कारण बन सकते हैं।