कोलकाता, 24 अक्टूबर । आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के कुछ जूनियर डॉक्टरों की शैक्षणिक योग्यता केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की जांच के दायरे में है। इन डॉक्टरों पर अस्पताल में “धमकी संस्कृति” फैलाने का आरोप है। ये डॉक्टर पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी माने जाते हैं, जो खुद विवादों में घिरे रहे हैं।

इनमें से एक अशीष पांडेय हैं, जो आर.जी. कर के हाउस स्टाफ में शामिल थे। उन्हें पहले से ही वित्तीय अनियमितताओं के मामले में न्यायिक हिरासत में रखा गया है।

पांडेय के अलावा, दो अन्य डॉक्टरों की भी शैक्षणिक योग्यता जांच के घेरे में है। सीबीआई यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कैसे इन दोनों को बिना सामान्य प्रक्रिया के रेजिडेंट डॉक्टर बनने का मौका मिला।

हालांकि, सीबीआई ने इन दो जूनियर डॉक्टरों की पहचान उजागर नहीं की है। एक अधिकारी के मुताबिक, सीबीआई ने अन्य जूनियर डॉक्टरों और आर.जी. कर के फैकल्टी सदस्यों से पूछताछ की है। जांच में पता चला कि इन तीन डॉक्टरों को संदीप घोष के संरक्षण के कारण अनुचित लाभ मिला।

आर.जी. कर के कई कर्मचारियों ने जांचकर्ताओं के सामने गवाही दी कि ये तीनों डॉक्टर बायोमेट्रिक सिस्टम से हाजिरी लगाने या मरीजों को देखने जैसी जरूरी प्रक्रियाओं का पालन नहीं करते थे।

बुधवार शाम, पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित जांच समिति ने दो डॉक्टरों, बिरुपाक्ष बिस्वास और अविक डे, पर आरोपित रिपोर्ट सौंपी। इन डॉक्टरों पर राज्य के कई सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में “धमकी संस्कृति” फैलाने का आरोप था।

 

सूत्रों ने बताया कि समिति ने बिस्वास और डे के खिलाफ कई आरोपों की पुष्टि की है, खासकर बिस्वास के मामले में। रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार अब दोनों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी।