कोलकाता, 22 अक्टूबर । बांग्लादेश में पश्चिम बंगाल के 84 मछुआरों को हिरासत में लिया गया है, जिस पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गहरी चिंता जताई है। मंगलवार अपराह्न राज्य सचिवालय नवान्न से आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर बांग्लादेश को महत्वपूर्ण संदेश दिया। ममता बनर्जी ने बांग्लादेश के साथ बंगाल के लंबे और घनिष्ठ संबंधों को भी याद दिलाया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले दो ट्रॉलर गलती से बांग्लादेश की सीमा में चले गए थे, जिनमें 36 मछुआरे सवार थे। उन्हें बांग्लादेश की जेल में रखा गया है। ममता ने अफसोस जताते हुए कहा, “यह पता नहीं कि वे जानबूझकर गए या अनजाने में, लेकिन इसके बावजूद तीन और ट्रॉलर वहां पहुंच गए, जिनमें 48 लोग थे। वे भी जेल में हैं।” ममता बनर्जी ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश के सहयोग से जल्द ही इन मछुआरों को रिहा कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि कुछ समय पहले बांग्लादेश का एक ट्रॉलर बंगाल की सीमा में डूब गया था, जिसके सभी मछुआरों को बिना दस्तावेजों के भी छोड़ दिया गया था, जबकि हमारे मछुआरों के पास आधार कार्ड हैं।

मुख्यमंत्री ममता ने बांग्लादेश को ‘मित्र’ देश के रूप में संदर्भित करते हुए कहा, “बांग्लादेश हमारा मित्र देश है। हमारे बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान है और हम एक ही भाषा बोलते हैं। राजनीति में भले ही समय-समय पर समीकरण बदलते हैं, लेकिन मुझे उम्मीद है कि दोनों देशों के संबंध फिर से बेहतर हो जाएंगे। यदि सीमावर्ती देश आपस में अच्छा संबंध बनाए रखते हैं तो यह सभी के लिए लाभकारी होगा।”

उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के बीच लंबे समय से अच्छे रिश्ते रहे हैं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ भी बहुत अच्छी मित्रता थी। हालांकि, अब बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव हो चुके हैं और शेख हसीना की जगह अंतरिम सरकार के प्रमुख डॉ. मोहम्मद यूनुस हैं, जिससे दोनों देशों के संबंधों में कुछ बदलाव आए हैं। ममता बनर्जी ने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच संबंध जल्द ही पुराने दौर की तरह मजबूत हो जाएंगे।