कोलकाता, 22 अक्टूबर । आर जी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में सीबीआई ने एक नई दिशा में जांच शुरू की है। सीबीआई का दावा है कि इस मामले में कुछ महत्वपूर्ण सीसीटीवी फुटेज अस्पताल और थाना परिसर की हार्ड डिस्क में छिपे हुए हैं, जो मामले के लिए ‘ट्रंप कार्ड’ साबित हो सकते हैं। इन्हीं फुटेज के आधार पर सीबीआई संदिग्धों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है।

सीबीआई ने अदालत की अनुमति लेकर उन हार्ड डिस्क को केंद्रीय फॉरेंसिक लैब भेजा है, ताकि उनमें छिपे हुए सबूतों की जांच की जा सके। सीबीआई का कहना है कि यह फुटेज आर जी कर अस्पताल के पूर्व प्रमुख संदीप घोष और टाला थाने के ओसी अभिजीत मंडल के खिलाफ साजिश और सबूत मिटाने के आरोपों में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

सीबीआई ने बताया कि अस्पताल और थाना परिसर के कई सीसीटीवी फुटेज संदिग्ध पाए गए थे, और इनमें से कई फुटेज अधूरी स्थिति में उनके पास पहुंचे हैं। अस्पताल और थाने के कुछ कंप्यूटरों की जांच के दौरान, सीबीआई को हार्ड डिस्क में कुछ फाइलें मिलीं, जिनमें छिपे हुए सीसीटीवी फुटेज होने का अंदेशा है।

आर जी कर अस्पताल के 51 सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद, सीबीआई ने सिविक वोलंटियर संजय राय की गतिविधियों को चार्जशीट में शामिल किया है। हालांकि, मामले में सबूत मिटाने के पर्याप्त प्रमाण नहीं मिलने के कारण, सीबीआई उन खोए हुए फुटेज को खोजने में जुटी है, जो कथित रूप से अस्पताल के पूर्व प्रमुख संदीप घोष और टाला थाने के ओसी अभिजीत मंडल द्वारा मिटाए गए थे।

 

सीबीआई ने इन दोनों अधिकारियों के मोबाइल फोन से हटाए गए कॉल रिकॉर्ड और वीडियो फुटेज भी बरामद किए हैं, जिनसे महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। इन जानकारियों की जांच करते हुए सीबीआई ने कई सीसीटीवी फुटेज की खोजबीन की है, ताकि संदीप घोष और अभिजीत मंडल की गतिविधियों का पता लगाया जा सके।

 

सीबीआई ने अदालत से अनुमति लेकर चार कंप्यूटरों से चार हार्ड डिस्क को कब्जे में लिया और उन्हें केंद्रीय फॉरेंसिक लैब में भेजा। फॉरेंसिक रिपोर्ट मिलने के बाद, इन फुटेज को मामले की अगली चार्जशीट में शामिल करने की संभावना है।