सूरत को मिला नेशनल वाटर अवार्ड
सूरत, 18 अक्टूबर । जल के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य की बदौलत सूरत को बेस्ट अर्बन बॉडी के रूप में नेशनल वाटर अवार्ड-2023 मिला है। पिछले साल सूरत को स्वच्छता में देश में प्रथम स्थान मिला था, इसके बाद पिछले महीने स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में सूरत देश में नंबर वन आया था। अब स्वच्छ पानी के क्षेत्र में सूरत के काम को देश भर में सराहना मिली है।
डायमंड सिटी, टेक्सटाइल सिटी के साथ सिटी ऑफ फ्लाइओवर के नाम से विख्यात सूरत ने अपनी उपलब्धियों से देश-विदेश में स्थान बनाया है। इसमें अब नेशनल वाटर अवार्ड-2023 के विजेताओं के साथ टर्शरी ट्रीटमेंट सहित पानी से जुड़े कई उदाहरण स्वरूप काम के बदले सूरत शहर को देश में प्रथम स्थान दिया गया है। आगामी 22 अक्टूबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु सूरत के महापौर दक्षेश मावाणी और सूरत मनपा की आयुक्त शालिनी अग्रवाल को ट्रॉफी और इनाम प्रदान करेंगी।
केन्द्र सरकार के जलशक्ति मंत्रालय, डिपार्टमेंट ऑफ वाटर रिसोर्स, रिवर डेवलपमेंट और गंगा रिजुवेनेशन की ओर से 5वें नेशनल वाटर अवार्ड-2023 की घोषणा की गई है। सूरत महानगर पालिका ने बेस्ट अर्बन लोकल बॉडी कैटेगरी में टर्शरी ट्रीटमेंट प्लांट कन्जर्वेशन ऑफ नेचुरल रिसोर्स एंड मेकिंग सिस्टम सेल्फ सस्टेनेबल टू सेल ऑफ ट्रीटेड वेस्ट वाटर में अपनी दावेदारी पेश की थी। केन्द्र सरकार के जलशक्ति मंत्रालय ने विजेताओं के नाम की घोषणा की है। इस संबंध में सूरत महानगर पालिका की आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने कहा कि टर्शरी ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए औद्योगिक वेस्ट वाटर को ट्रीटकर उसे रीयूज के लिए तैयार कराया जाता है। इसके तहत कीरब 115 एलएलडी पानी दोबारा उद्योगों को दिया जाता है, जिससे सालाना 141 करोड़ रुपये की आवक होती है। इसके अलावा 414 सरकारी और 415 गैर सरकारी जगहों पर रिसर्व बोरवेल बनाकर भूमिगत जल को रिचार्ज किया जाता है।