समूह गान प्रतियोगिता के साथ शुभारंभ

शाम को शास्त्रीय प्रस्तुतियों ने मोहा मन

उदयपुर, 17 अक्टूबर। शरद पूर्णिमा के अवसर पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मीरा महोत्सव मीरा के भक्ति पदों से सजा। मीरा प्रकाश वर्मा फाउंडेशन के तत्वावधान में बुधवार से दो दिवसीय मीरा महोत्सव का शुभारंभ हुआ। प्रात:कालीन सत्र में जहां छात्र प्रतिभाओं ने मीरा के पदों का सामूहिक गायन किया, वहीं सांध्यकालीन सत्र में शास्त्रीय प्रस्तुतियों ने उपस्थित कला रसिकों का मन मोह लिया।

सेक्टर-11 स्थित प्रकाश वर्मा ऑडिटोरियम में बुधवार शाम मेवाड़ के पूर्व राजघराने के महाराज कुमार नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ और राजसमंद सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ के सान्निध्य में 69वां मीरा महोत्सव आरंभ हुआ। उन्होंने दीप प्रज्वलन कर महोत्सव शुरू किया। कथाकार ग्रुप और कत्थक आश्रम की चंद्रकला चौधरी के निर्देशन में कत्थक की प्रस्तुति हुई। उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी राजकुमार फत्तावत ने की।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता आलोक संस्थान के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमावत ने ‘भक्ति और शक्ति का प्रतीक: मीरा बाई’ विषय पर उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण के प्रति मीरा का समर्पण उल्लेखनीय है, लेकिन उस समय के सामाजिक जीवन में मीरा बाई का कृतित्व उन्हें नारी चेतना के रूप में भी प्रस्तुत करता है।

फाउंडेशन के अध्यक्ष लव वर्मा ने बताया कि बुधवार सुबह अंतरविद्यालयी समूह गायन प्रतियोगिता हुई। प्रतियोगिता में तीन वर्गों – कनिष्ठ वर्ग, वरिष्ठ वर्ग और महाविद्यालय वर्ग में कुल 200 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। प्रथम स्थान कनिष्ठ वर्ग में विद्या भवन पब्लिक स्कूल, वरिष्ठ वर्ग में सेंट्रल पब्लिक स्कूल और विद्या भवन सेकेंडरी स्कूल ने प्राप्त किया। द्वितीय स्थान कनिष्ठ वर्ग में सीपीएस स्कूल और वरिष्ठ वर्ग में मिरिंडा स्कूल ने प्राप्त किया। महाविद्यालय स्तर पर प्रथम स्थान आदिनाथ बी.एड. कॉलेज और द्वितीय स्थान मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय ने प्राप्त किया। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों ने सांध्य वेला में हुए महोत्सव के उद्घाटन सत्र में भी प्रस्तुति दी। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और मोमेंटो प्रदान किए गए। शाम हो आयोजित समारोह में प्रकाश वर्मा कला सम्मान से प्रेम भंडारी और पंडित हरिओम वर्मा को नवाजा गया।