मुंबई, 05 फरवरी। गुजरात पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते ( गुजरात एंटी टेरोरिस्ट स्कॉड ‘एटीएस’) ने भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी को मुंबई के घाटकोपर इलाके से गिरफ्तार कर लिया। सुरक्षा कारणों से अजहरी को घाटकोपर पुलिस स्टेशन में रखा गया है। फिलहाल उसे गुजरात लेने जाने की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

गुजरात एटीएस के एक अधिकारी के अनुसार, सलमान पर गुजरात के जूनागढ़ में 31 जनवरी को भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। इस भाषण का वीडियो वायरल होने पर मामला दर्जकर कार्यक्रम के आयोजक मलिक और हबीब को गिरफ्तार किया गया था। एक स्थानीय पुलिस अधिकारी के अनुसार, रविवार को गुजरात एटीएस की टीम सलमान अजहरी को गिरफ्तार करने उसके घाटकोपर स्थित घर पहुंची। घर के बाहर बड़ी संख्या में उसके समर्थक जमा हो गए। सूझबूझ के साथ गुजरात एटीएस ने सलमान अजहरी को हिरासत में लिया। उसे घाटकोपर पुलिस स्टेशन लाकर मामला दर्ज करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के अनुसार, घाटकोपर थाने के आसपास अजहरी के समर्थक अभी भी मौजूद हैं। सभी को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों को आगाह किया गया है कि कोई भी कानून हाथ में लेने की कोशिश न करे।

कौन है मुफ्ती अजहरीः मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी खुद को इस्लामी रिसर्च स्कॉलर बताता है। वह जामिया रियाजुल जन्नाह, अल-अमान एजुकेशन एंड वेलफेयर ट्रस्ट और दारुल अमान का संस्थापक है। इसने काहिरा की अल अजहर यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। वो कई बार अपने भड़काऊ भाषणों को लेकर चर्चा में रह चुका है। वह इस्लामी छात्रों के बीच कई बार उपदेश दे चुका है। जूनागढ़ में मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी ने 31 जनवरी की रात ‘बी’ डिवीजन पुलिस थाने के पास खुले मैदान में आयोजित कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण था। अजहरी और स्थानीय आयोजकों मोहम्मद यूसुफ मलिक और अजीम हबीब ओडेदरा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153बी और 505 (2) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जूनागढ़ में मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी ने कहा था कि अभी कर्बला का आखिरी मैदान बाकी है। कुछ देर की खामोशी है, फिर शोर आएगा। आज वक्त है, हमारा दौर आएगा…! इस दौरान उसने कई आपत्तिजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया था।