कोलकाता, 05 अक्टूबर। जयनगर में हुए नौ साल की बच्ची के हत्या मामले में आरोपित को सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया है। शनिवार सुबह बारुइपुर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और अदालत में पेश किया। हालांकि, आरोपित के बचाव में कोई भी वकील पेश नहीं हुआ। पुलिस ने अदालत से सात दिनों की हिरासत की मांग की थी, जिसे न्यायाधीश ने स्वीकार कर लिया।

यह घटना शुक्रवार रात की है, जब जयनगर के महिषमारी इलाके की एक जलाशय से नौ साल की बच्ची का शव बरामद किया गया। आरोप है कि बच्ची के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी फुटेज की मदद से 19 साल के युवक को पहचान कर तुरंत गिरफ्तार किया। आरोपित के खिलाफ हत्या, सबूत मिटाने और अपहरण सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, अभी तक बलात्कार का मामला दर्ज नहीं हुआ है, क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

इस घटना ने इलाके में भारी तनाव पैदा कर दिया। शनिवार सुबह से ही लोग गुस्से में थे और उन्होंने पुलिस थाने में घुसकर तोड़फोड़ की, साथ ही महिषमारी पुलिस कैंप में आग भी लगा दी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने रैपिड एक्शन फोर्स (रैफ) को तैनात किया।

परिवार ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर पुलिस ने उनकी बातों को गंभीरता से लिया होता, तो शायद उनकी बच्ची की जान बचाई जा सकती थी। उनका कहना है कि जब वे पुलिस के पास पहुंचे, तो उन्हें जयनगर थाने जाकर शिकायत दर्ज करने को कहा गया, जबकि समय पर कार्रवाई की जा सकती थी।

घटना के बाद जयनगर में स्थिति को संभालने के लिए एडीजी (दक्षिण बंगाल) सुप्रतीम सरकार और प्रेसिडेंसी रेंज के डीआईजी आकाश माघारिया सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। इलाके में अभी भी तनाव बना हुआ है, हालांकि पुलिस की तैनाती से स्थिति नियंत्रण में है।

बारुइपुर पुलिस जिले के एसपी पलाशचंद्र ढाली ने बताया कि रात नौ बजे महिषमारी पुलिस कैंप को इस घटना की सूचना मिली थी, जिसके बाद तत्काल जांच शुरू की गई। बच्ची के लापता होने और उसे आखिरी बार किसने देखा था, इन सभी जानकारियों को जुटाया गया। पहले इसे अपहरण का मामला माना गया, लेकिन रात को आरोपित की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। एसपी के अनुसार, आरोपित ने हत्या की बात कबूल कर ली है।