कोलकाता, 05 अक्टूबर। पूर्व क्रिकेटर और पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के मोयना विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक अशोक डिंडा ने शनिवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के एकल पीठ का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की जूनियर डॉक्टर की बलात्कार और हत्या के विरोध में कोलकाता में कैंडल-लाइट मार्च निकालने की अनुमति मांगी। यह विरोध मार्च 15 अक्टूबर की शाम को होगा, जो राज्य सरकार द्वारा आयोजित दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के वार्षिक कार्निवल के साथ मेल खाता है।

भाजपा विधायक ने बताया कि उन्हें अदालत का रुख इसलिए करना पड़ा क्योंकि शहर की पुलिस ने कॉलेज स्क्वायर से डोरीना क्रॉसिंग तक कैंडल-लाइट मार्च की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।

न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की एकल पीठ ने अशोक डिंडा की याचिका को स्वीकार किया है और इस मामले की सुनवाई सोमवार को होगी।

भाजपा का कहना है कि पश्चिम बंगाल में यह आम बात हो गई है कि पुलिस विपक्षी दलों के राजनीतिक कार्यक्रमों को अनुमति देने से मना कर देती है, जिसके चलते विपक्ष को अदालत का सहारा लेना पड़ता है।

एक भाजपा नेता ने कहा कि हर बार हमें अदालत से अनुमति मिलती है और हर बार अदालत राज्य और शहर की पुलिस की नीतियों पर सवाल उठाती है कि सत्तारूढ़ दल और विपक्षी दलों को अनुमति देने में भेदभाव क्यों होता है।

हाल ही में, माकपा और जूनियर डॉक्टरों के एक संगठन को भी अपने विरोध कार्यक्रमों के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट से अनुमति लेनी पड़ी थी, जब पुलिस ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी थी।