कोलकाता, 27 अक्टूबर। पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय  द्वारा ज्योतिप्रिय मलिक की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली  की अनियमितताएं सबसे बड़ा घोटाला है और यह पूरे राज्य में गरीब लोगों की ‘संगठित लूट’ है।

चौधरी ने आरोप लगाया कि कोविड-19 अवधि के दौरान ‘राशन लूट’ कहीं अधिक गहराई तक जड़ जमाए भ्रष्टाचार था, जिसने गरीब लोगों को संकट काल (महामारी) में वंचित कर दिया। उन्होंने राशन भ्रष्टाचार को शिक्षा घोटाले से भी बड़ा करार दिया, जिसमें पूर्व शिक्षा और वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था।

चौधरी ने दावा किया कि कथित पीडीएस घोटाले की तुलना में शिक्षा घोटाला छोटा है। राशन घोटाले के अलावा, चौधरी ने आरोप लगाया कि किसानों के धान की बिक्री के समय समर्थन मूल्य प्रणाली लागू नहीं की गई।

उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को अपना चावल चावल मिल मालिकों को बेचने के लिए मजबूर किया गया इससे किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य से वंचित हो गए, वहीं कुछ चावल मिल मालिक अमीर हो गए।

कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर राज्य भर में स्कूली बच्चों को मध्याह्न भोजन से वंचित करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने दोहराया कि पीडीएस में अनियमितताएं संगठित लूट हैं और इस मुद्दे की गहन जांच की जानी चाहिए। उन्होंने घोटाले में शामिल लोगों की गिरफ्तारी की मांग की। चौधरी ने दावा किया कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) का गुणवत्तापूर्ण चावल बाजार में बेच दिया गया और बासी चावल पीडीएस में दिया गया। यहां तक कि गरीबों को उनके राशन कोटा से भी गुणात्मक और मात्रात्मक रूप से वंचित कर दिया गया।