कोलकाता, 17 सितंबर । आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का रजिस्ट्रेशन इस सप्ताह रद्द किया जा सकता है। राज्य मेडिकल काउंसिल ने पहले ही संदीप को कारण बताओ नोटिस भेजा है, और रजिस्ट्रेशन रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

सीबीआई ने संदीप घोष को पहले ही दो मामलों में गिरफ्तार किया है, और कुछ चिकित्सा संगठनों ने भी उन्हें अपने संगठन से निलंबित कर दिया है। लेकिन राज्य मेडिकल काउंसिल ने अब तक केवल शोकाज़ नोटिस जारी किया है, जिससे चिकित्सा समुदाय के एक हिस्से में असंतोष फैल गया है।

आर.जी. कर अस्पताल में एक युवा डॉक्टर की हत्या और दुष्कर्म के बाद, ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन ने सबसे पहले कार्रवाई की और संदीप घोष को कारण बताओ नोटिस भेजा। इसके बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी संदीप की प्राथमिक सदस्यता को समाप्त कर दिया। अब यही सवाल राज्य मेडिकल काउंसिल के सामने भी उठाया जा रहा है, जो चिकित्सा पेशेवरों के रजिस्ट्रेशन को नियंत्रित करने वाली एकमात्र संस्था है।

सूत्रों के अनुसार, राज्य मेडिकल काउंसिल ने रजिस्ट्रेशन रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, और इस सप्ताह के अंत तक इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। पिछले शुक्रवार को संदीप घोष को कारण बताओ नोटिस भेजा गया था और उन्हें 72 घंटों के भीतर जवाब देने को कहा गया था। अगर उनका जवाब संतोषजनक नहीं हुआ, तो उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा।

काउंसिल के सूत्रों ने बताया कि सोमवार को छुट्टी था और मंगलवार तक संदीप घोष ने जवाब नहीं दिया है। बुधवार को सभी सदस्यों को इस मामले में चर्चा के लिए बुलाया जाएगा। बैठक के बाद ही सभी सदस्यों की सहमति से अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि संदीप घोष पर ‘इन्फेमस कंडक्ट’ यानी गंभीर बदनामी में लिप्त होने का आरोप है।