झुंझुनू, 17 सितंबर । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपनी पत्नी सुदेश धनखड़ के साथ मंगलवार को एक दिवसीय झुंझुनू दौरे पर झुंझुनू के परमवीर पीरूसिंह स्कूल में ’स्वच्छ राजस्थान’ अभियान के राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आगाज किया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने 35 साल पहले झुंझुनू से ही राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई थी। ये पल कभी भूलने वाला नहीं है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री व हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की तारीफ करते हुए कहा कि आपकी पहचान पारदर्शी, उत्तरदायी शासन करने वाले के रूप में है। मुख्यमंत्री रहते हुए एक अनोखी छाप छोड़ी है। नौकरी के मामले में एक ही रास्ता निकाला कि योग्यता के आधार पर ही नौकरी मिलेगी और इसको साबित भी किया। आज के दिन योग्यता के आधार पर घर में सोए हुए बच्चे को पता चलता है कि उसकी नियुक्ति हो गई है, यह बहुत बड़ा परिवर्तन है, पहले नौकरी सिफारिश और पर्ची से मिलती थी।।
उन्होंने कहा कि राजस्थान ओडीएफ मामले में पीछे नहीं है। राजस्थान में 97.7 प्रतिशत गांव ओडीएफ मॉडल है। झुंझुनू जिले की बात करें तो यहा 99.9 प्रतिशत गांव ओडीएफ मॉडल है। यह सब जनभागीदारी से संभव हो पाया है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत झुंझुनूं से हो रही है। स्वच्छता ही सेवा को उजागर करती है। पूरा देश आज झुंझुनू को देख रहा है। इस मिट्टी को नमन करता हूं, यहीं से 1989 में लोकसभा का सदस्य बना था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में जो काम किया है। आज का दिन बहुत बड़ा योगदान है। इसकी शुरुआत उन्हाेंने 15 अगस्त 2014 को लाल किले से की। प्रधानमंत्री का वो एक उद्घोष एक दशक में सबसे बड़ा क्रांतिकारी कदम साबित हो गया।
हम महात्मा गांधी के उस महान सपने को मूल रूप दे रहे हैं, जिस काम की शुरुआत की गई थी। देश की जनता ने कभी नहीं सोचा होगा, हर घर टॉयलेट का सपना पूरा होगा। यह सिर्फ एक कल्पना थी लेकिन 15 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री ने ठान ली थी। 10 साल में देश में 12 करोड़ शौचालय जमीनी हकीकत है। यह बदलाव साधारण नहीं है। इस अभियान से एक अभिशाप भी खत्म हुआ है, पहले माताओं और बहनों के लिए शौचालय नहीं होना अभिशाप था। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे झुंझुनू से उद्घाटन करने का मौका मिला।
साथ ही उन्होंने कहा कि 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक पखवाड़ा विधि की एक अलग ही रचना है। एक महापुरुष का जन्म 17 सितंबर को हुआ था। दूसरे महापुरुष का जन्म 2 अक्टूबर को हुआ। दोनों के जन्म में एक पखवाड़े का फासला रखा गया है। एक महापुरुष के जन्मदिन पर स्वच्छता की शुरुआत हो रही है, दूसरे महापुरुष के जन्म पर स्वच्छता पखवाड़े का समापन होगा।
संबोधन से पहले उपराष्ट्रपति ने स्वच्छता को लेकर जनप्रतिनिधि सहित आमजन से वर्चुअली संवाद किया। सबसे पहले वन मंत्री संजय शर्मा से संवाद किया। उपराष्ट्रपति ने बधाई दी तो उन्होंने कहा कि मामा की बधाई स्वीकार कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि अलवर जिले की 11 विधानसभा में 36 लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके है। जब से प्रधानमंत्री ने एक पौधा मां के नाम लगाने की बात कही है, इससे आमजन में बहुत बड़ा जुड़ाव आया। घर-घर अलख जगी है। खासकर अलवर में बहुत बड़ी अलग जगी है। लोगों ने पौधे लगाए हैं, उनका संरक्षण कर रहे हैं। एक एक पौधे को माताओं-बहनों ने गोद लिया है। पूरे राजस्थान में 7 करोड़ से अधिक पौधे लग चुके हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्कूलों और संस्थानों में ये भावनाएं जाएं कि आपकी क्या योजना है। आने वाले समय में कौन सी प्रेरणा दोगे।
उसके बाद उपराष्ट्रपति ने जैसलमेर विधायक छोटू सिंह से संवाद किया। उन्होंने कहा कि आपसे दो बार मुलाकात हो चुकी है। विस्तार से चर्चा की है। जैसलमेर विश्व विख्यात है, हैरिटेज सिटी है। पर्यटन का मुख्य केंद्र है। स्वच्छता के मापदंड सर्वोच्च हों, इसके लिए क्या योजना है। इस विधायक ने कहा कि शहर में स्वच्छता को लेकर अहम कदम उठाए गए हैं। दीवारों पर पेंटिंग, साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा गया है। विधायक से कहा कि आप बड़ा काम करते हैं। आश्वस्त हो जाओ आप 2 अक्टूबर तक जैसलमेर को स्वच्छ कर देंगे। इस पर विधायक ने आश्वासन दिया है कि जैसलमेर को एकदम स्वच्छ कर दिया जाएगा।
इसके अलावा उपराष्ट्रपति ने टोंक की जिला प्रमुख सरोज बसंल व एक महिला से संवाद किया। उन्होंने जिला प्रमुख से कहा कि आपका पद बहुत महत्वपूर्ण है। पूरे जिले का आपको ज्ञान है। आपकी कार्यशैली भी बहुत महत्वपूर्ण है। स्वच्छता को लेकर क्या योजना बनाई है। इस पर जिला प्रमुख ने कहा कि भारत संस्कार और संस्कृति की भूमि रही है। बच्चा जब से गर्भ में आता है, तब से लेकर 16 संस्कार दिये जाते हैं। स्वच्छता का संस्कार भी उसमें जोड़ा जाए। संस्कारों की गिनती 17 की जाए।
उसके बाद उपराष्ट्रपति ने अजमेर नगर निगम की मेयर बृजलत्ता से संवाद किया। उन्होंने कहा कि आप ऐसे शहर की महापौर हैं। जहां स्वच्छता का बहुत बड़ा महत्व है। आपका शहर कचरा प्रबंधन में कीर्तिमान स्थापित करे, इसके लिए क्या योजना है। इस पर महापौर ने कहा कि आम नागरिक को जागरूक कर रहे हैं। प्रतापगढ़ के सफाई मित्र तरुण से बातचीत करते हुए उपराष्ट्रपति ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि इस अभियान में आप और आपके मित्र सबसे ज्यादा भागीदार है। आपका जो योगदान रहा है, वो निर्णायक रहा है। आपका कार्य गांधीजी व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को पूर्ण आहुति देने में बहुत महत्वपूर्ण है।
इससे पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यस्थल पर 550 किलो वाट सौर ऊर्जा संयंत्र प्लाट का लोकापर्ण और 13.18 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले कचरा प्रबंधक प्लांट का शिलान्यास किया। इस दौरान उपराष्ट्रपति ने सफाई मित्र सोना देवी व श्रीचंद को प्रतीक चिह्न, प्रधानमंत्री आवास योजना में मंगेज को 30 हजार, अनिता और गूंजा को 60-60 हजार, नमस्ते योजना में विनोद, विजेश, कैलाश, रामसिंह और विपिन को दीप स्तंभ देकर सम्मानित किया। स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर छात्रा अंकिता क्यामसरिया व उसकी बहन को प्रतीक चिह्न देकर सम्मान किया। उपराष्ट्रपति ने स्काउट्स से मुलाकात की और फोटो सेशन भी करवाया।
राजीविका के स्टॉल पर ग्रामीण महिलाओं से उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों के बारे में बातचीत कर राजस्थानी पगड़ी और अगरबत्ती के उत्पादों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। स्वच्छ भारत मिशन के स्टॉल पर सामुदायिक शौचालय एवं कचरा निस्तारण केंद्र के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़, पत्नी सुदेश धनखड़ एवं कैबिनेट मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधरोपण भी किया। इस दौरान केद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत, सुदेश धनखड़, जिला प्रमुख हर्षिनी कुल्हरि, सभापति नगमा बानों मंच पर मौजूद रहीं।