प्रधानमंत्री ने चौथे ग्लोबल री-इन्वेस्ट रिनेबल एनर्जी इनवेस्टर्स समिट का किया उद्घाटन
ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बनने को प्रयासरत है भारत: नरेन्द्र मोदी
गांधीनगर, 16 सितंबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बनने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए भारत ने 20 हजार करोड़ रुपये का ग्रीन हाइड्रोजन मिशन लाॅन्च किया गया है। देश में वेस्ट टू एनर्जी का बहुत बड़ा अभियान चल रहा है। क्रिटिकल मिनरल से जुड़ी चुनौतियों के लिए पहचान के लिए सर्कुलर एप्रोच को प्रमोट किया जा रहा है। रियूज और रिसाइकिल से संबंधित बेहतर तकनीक के लिए स्टार्टअप को स्पोर्ट किया जा रहा है। प्रो प्लानेट पिपुल का सिद्धांत हमारा कमिटमेंट है। भारत ने दुनिया को मिशन लाइफ यानी लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरमेंट का विजन दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को गांधीनगर के महात्मा मंदिर में चौथे ग्लोबल री-इन्वेस्ट रिनेबल एनर्जी इनवेस्टर्स समिट का उद्घाटन करने के बाद संबोधित कर रहे
थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने इंटरनेशनल सोलर एलायंस का प्रयास कर दुनिया के सैकड़ों देशों को जोड़ा है। भारत ने अपने रेलवे को भी इस दशक के अंत तक नेट जीरो बनाने का लक्ष्य रखा है। वर्ष 2025 तक पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनोल के लक्ष्य को हासिल करेंगे। गांव-गांव में अमृत सरोवर से जल संरक्षण हो रहा है। मां के नाम पर लोग पेड़ लगा रहे हैं। भारत का प्रयास पूरी तरह से मेड इन इंडिया सॉल्युशन के रूप में है।
उन्होंने कहा कि भारत की जनता ने 60 साल बाद लगातार किसी सरकार को तीसरा टर्म दिया है। आज 140 करोड़ भारतवासियों को भरोसा है, युवाओं को भरोसा है, महिलाओं को भरोसा है कि उनकी आशाओं को पिछले 10 साल में जो पंख लगे हैं, वे इस थर्ड टर्म में एक नई उड़ान भरेंगे। देश के गरीब, दलित, पीड़ित, शोषित और वंचित को भरोसा है कि हमारा थर्ड टर्म उसके गरीमापूर्ण जीवन जीने की गारंटी बनेगा। भारतीय जनता देश को तेजी से टाप थ्री इकोनॉमी में पहुंचाने का संकल्प लेकर काम कर रहे हैं। यह 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के हमारे एक्शन प्लान का हिस्सा है। हम यह काम कैसे कर रहे हैं, इसका ट्रेलर थर्ड टर्म के हमारे पहले 100 दिनों के फैसलों में दिखता है। कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। देश में 7 करोड़ घर बना रहे हैं। यह दुनिया के कई देशों की आबादी से भी ज्यादा है। सरकार ने अपने दो टर्म में 4 करोड़ घर बना दिए हैं। तीसरे टर्म में 3 करोड़ नए घर बनाने का काम भी शुरू कर दिया है। बीते सौ दिनों में भारत में 12 नए इंडस्ट्रीयल सिटी बनाने का फैसला लिया, आठ हाई स्पीड रोड कोरिडोर काे मंजूरी दी गई। 15 से अधिक नई मेड इन इंडिया सेमी हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेन लाॅन्च की गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया को लगता है कि भारत 21वीं सदी की बेस्ट बेट है।
माेदी ने कहा कि गुजरात की जिस धरती पर श्वेत क्रांति का उदय हुआ, मधु क्रांति हुआ, सूर्य क्रांति का उदय हुआ। गुजरात भारत का वह राज्य है, जिसने भारत में सबसे पहले अपनी सोलर पावर पॉलिसी बनाई। पहले गुजरात में पॉलिसी बनी इसके बाद हम राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़े। क्लाइमेट के लिए भी अलग से मिनिस्ट्री बनाने में भी गुजरात बहुत आगे था।
मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी ने दुनिया को सचेत किया था। महात्मा गांधी का यह विजन भारत की महान परंपरा से निकला है। हमारे लिए ग्रीन फ्यूचर, नेट जीरो कोई फैंसी वर्ड नहीं है, यह भारत की जरूरत है, सरकार का कमिटमेंट है। आज का भारत सिर्फ आज का नहीं बल्कि आने वाले एक हजार साल का बेस तैयार कर रहा है। हमारा मकसद सिर्फ टाप पर पहुंचना नहीं है, वहां टिके रहने की है। माेदी ने कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अपनी जरूरत के लिए सोलर पावर, विंड पावर, न्यूक्लियर और हाइड्रो पावर के आधार पर भविष्य तैयार करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री ने रूफटाॅप स्कीम को यूनिक स्कीम बताते हुए कहा कि भारत का हरेक घर पावर प्रोड्यूसर बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कहा कि इस योजना के तहत सवा तीन लाख घरों में सोलर पैनल लगाने का काम पूरा भी हो चुका है। इसके परिणाम अद्भुत है। उन्होंने कहा कि इससे लोगों को बिजली बिल बचेगा और जो बचाएंगे उससे उन्हें 25 हजार रुपये कमाएंगे। 20 साल बाद 10-12 लाख रुपये की कमाई होगी। यह पैसा बच्चों की पढाई से लेकर शादी-ब्याह में काम आएंगे। यह 20 लाख रोजगार का जनक और पर्यावरण के संरक्षण का काम करेगा। पीएम मोदी ने मोढेरा का जिक्र कर सूर्य मंदिर का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि वह पूरी तरह से सौर ऊर्जा गांव है। उन्होंने अयोध्या को सोलर मॉडल सिटी बनने की जानकारी दी। पीएम मोदी ने सोलर पावर संबंधी विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम में आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, मध्य प्रदेश के मुख्य मोहन यादव समेत 140 देशों के 25 हजार प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। 40 से अधिक सत्र, 5 पैनल चर्चा, 115 से अधिक बी टू बी मीटिंग आयोजित होगा।