कोलकाता, 16 सितंबर। पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल सोमवार को लगातार 38वें दिन जारी रही है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्याके मामले में न्याय की मांग करते हुए वे पिछले आठ दिनों से राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय के सामने धरने पर बैठे हुए हैं। आंदोलनकारियों का कहना है कि मांगें पूरी होने तक वे अपनी हड़ताल जारी रखेंगे। उनकी मुख्य मांगों में कोलकाता पुलिस आयुक्त और राज्य के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों को हटाने की मांग भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को अचानक विरोध स्थल पर पहुंच कर डॉक्टरों को आश्वासन दिया कि उनकी चिंताओं का समाधान किया जाएगा। लेकिन जब प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को मुख्यमंत्री आवास पर तीन घंटे इंतजार के बाद बिना किसी सम्मानजनक व्यवहार के जाने के लिए कहा गया तो प्रस्तावित बैठक विफल हो गई।
प्रदर्शन कर रहे एक डॉक्टर ने दावा किया कि उन्होंने मुख्यमंत्री के निवेदन पर बिना लाइव-स्ट्रीमिंग या रिकॉर्डिंग के बैठक में शामिल होने पर सहमति व्यक्त की थी। लेकिन जब उन्होंने स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य को इस निर्णय की सूचना दी, तो उन्हें बताया गया कि बैठक के लिए बहुत देर हो चुकी है।
इससे पहले भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और जूनियर डॉक्टरों के बीच बातचीत की कई कोशिशें नाकाम रही थीं, क्योंकि लाइव-स्ट्रीमिंग और बैठक में शामिल होने वाले प्रतिनिधियों की संख्या को लेकर सहमति नहीं बन पाई थी।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल से 9 अगस्त को पोस्टग्रेजुएट महिला डॉक्टर का शव बरामद किया गया था।
इस मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है। मामले में मुख्य आरोपित सिविक वॉलिंटियर संजय राय के अलावा आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और टाला थाना के तत्कालीन प्रभारी अभिजीत मंडल को भी गिरफ्तार किया गया है।