कोलकाता, 10 सितंबर। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से संविधान के अनुच्छेद 167 (सी) के तहत राज्य कैबिनेट के सभी फैसलों की जानकारी राजभवन को भेजने का अनुरोध किया है। यह अनुरोध हाल ही में कोलकाता के राज्य संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म एवं हत्या की घटना के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

राजभवन की ओर से मंगलवार को जारी बयान के अनुसार अनुच्छेद 167 के प्रावधानों के तहत मुख्यमंत्री का कर्तव्य है कि वे राज्य के मामलों के प्रशासन और विधायिका के प्रस्तावों से संबंधित मंत्रिपरिषद के सभी फैसलों की जानकारी राज्यपाल को दें। राजभवन ने यह भी याद दिलाया है कि मुख्यमंत्री का यह कर्तव्य है कि वे राज्य कैबिनेट द्वारा विचार किए गए विषयों की जानकारी राज्यपाल को दें। राज्यपाल ने अपने बयान में यह भी दावा किया कि राज्य प्रशासन और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को “मानक से भटकने की एक के बाद एक घटनाओं” के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।

राजभवन के बयान के अनुसार पीड़िता के माता-पिता को गलत जानकारी देना, अपराध स्थल के साथ छेड़छाड़, एफआईआर दर्ज करने में देरी, माता-पिता की इच्छा न होने के बावजूद उसी दिन शव का जल्दी निपटारा करना, उस समय के प्रिंसिपल को स्थानांतरित करना और तुरंत एक अन्य प्रमुख मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में उन्हें नियुक्त करना और कोलकाता पुलिस द्वारा अपराध स्थल के साथ छेड़छाड़ को कवर करने के प्रयास जैसे कुछ उदाहरण थे जिन्होंने इस मामले में राज्य की मंशा को लेकर लोगों के मन में संदेह पैदा किया।

राज्यपाल के बयान में कहा गया कि पीड़िता का शव मिलने के बाद जो घटनाक्रम सामने आए, उनमें कोलकाता पुलिस की कानून प्रवर्तन की भूमिका, या इसकी अस्पष्ट कमी – को समाज के प्रमुख लोगों ने कड़ी फटकार लगाई और न्यायालयों ने भी इसकी आलोचना की।