कोलकाता, 30 अगस्त । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुश्किल समय में टॉलीवुड के कलाकारों की उदासीनता पर तृणमूल नेता कुणाल घोष ने गहरी नाराजगी जताई है। शुक्रवार को ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ फिल्म की रिलीज से पहले कुणाल ने सोशल मीडिया पर टॉलीगंज के कुछ कलाकारों को आड़े हाथों लिया।
संजय कुमार मिश्रा निर्देशित ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ की रिलीज रोकने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। अदालत ने फिल्म की रिलीज में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। इसके बाद, कुणाल घोष ने टॉलीगंज के कुछ कलाकारों पर आरोप लगाया कि वे सिर्फ ममता बनर्जी के अच्छे समय में उनके साथ खड़े होते हैं और मुश्किल समय में गायब हो जाते हैं।
कुणाल घोष ने अपने पोस्ट में लिखा, “मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के कई निर्माता, निर्देशक, और अभिनेता ऐसी राजनीतिक फिल्में बनाते हैं जो बीजेपी के पक्ष में माहौल तैयार करती हैं। अब बंगाल के खिलाफ भी नफरत फैलाने के लिए फिल्में बन रही हैं! लेकिन टॉलीगंज के बाबू-बिबी, जो दीदी के साथ मंच पर, पार्टी में, और फोटो फ्रेम में रहते हैं, वे अपने करियर और इमेज बनाने में व्यस्त हैं।”
कुणाल ने टॉलीगंज के कलाकारों से पूछा कि वे ममता बनर्जी के जीवन पर कोई फिल्म क्यों नहीं बनाते, जो तृणमूल के पक्ष में सकारात्मक संदेश दे सके। उन्होंने कहा, “दीदी के साथ तस्वीरें खिंचवाकर अपनी अहमियत बढ़ाने वाले ये लोग विवाद के समय चुप हो जाते हैं। उन्हें जनता को समझाने के काम में कभी नहीं देखा जाता और अगर पार्टी उनसे कुछ करने के लिए कहे, तभी ये लोग दिखते हैं।”
उन्होंने साफ तौर पर किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन यह समझना मुश्किल नहीं कि उनका इशारा किस ओर था। तृणमूल के विभिन्न कार्यक्रमों में टॉलीगंज के कई सितारे अक्सर मंच पर दिखाई देते हैं, जिनमें सांसद देव, सायंतिका बनर्जी, सायनी घोष, जून मलिया, शताब्दी रॉय, और रचना बनर्जी जैसे नाम शामिल हैं। हालांकि, कुणाल ने यह भी स्पष्ट किया कि वह सभी कलाकारों को ‘पार्टी पर बोझ’ नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा, “इनमें से कुछ लोग ईमानदार हैं, बाकी के बारे में पार्टी को सोचना चाहिए।”
कुणाल ने तकनीशियनों की सराहना करते हुए कहा, “टेक्नीशियन ज्यादा दयालु होते हैं,” जबकि बड़े और छोटे पर्दे के कलाकारों पर उन्होंने निशाना साधा। हाल ही में टॉलीगंज में तकनीशियनों के काम बंद होने के कारण शूटिंग रुक गई थी, लेकिन कुणाल का मानना है कि इनकी भूमिका ज्यादा सकारात्मक रही है।