समिति में महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधियों के साथ शामिल होंगे तकनीकी विशेषज्ञ- जल्द से जल्द प्रतिमा की मरम्मत और पुनर्स्थापना के रास्ते भी तलाशेगी समिति
नई दिल्ली, 29 अगस्त । महाराष्ट्र के राजकोट किले में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने से हुए नुकसान की जांच करने के लिए संयुक्त तकनीकी समिति बनाई गई है। भारतीय नौसेना की अध्यक्षता में महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधियों और तकनीकी विशेषज्ञों के साथ समिति का गठन किया गया है, जो जल्द से जल्द प्रतिमा की मरम्मत और पुनर्स्थापना के रास्ते भी तलाशेगी।
मुंबई से लगभग 480 किमी दूर सिंधुदुर्ग जिले के मालवन स्थित राजकोट किले में प्रतिमा स्थापित करने का उद्देश्य समुद्री रक्षा और सुरक्षा के प्रति मराठा नौसेना और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत और आधुनिक भारतीय नौसेना के साथ इसके ऐतिहासिक संबंधों का सम्मान करना था। इस परियोजना की परिकल्पना और संचालन भारतीय नौसेना ने किया था। प्रतिमा की स्थापना के लिए महाराष्ट्र सरकार ने नौसेना को 2.36 करोड़ रुपये दिए थे। इसके बाद प्रतिमा बनाने वाले आर्टिस्ट के चयन और उसके डिजाइन की पूरी प्रक्रिया नौसेना ने की थी। इसके बाद 8 सितंबर, 2023 को 35 फुट ऊंची प्रतिमा बनाने का ऑर्डर दिया गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 04 दिसंबर, 2023 को नौसेना दिवस पर प्रतिमा का अनावरण किया था। प्रतिमा स्थापित होने के बाद ही इसमें इस्तेमाल किए गए स्टील में जंग लगना शुरू हो गई थी, जिसकी जानकारी राज्य के लोक निर्माण विभाग ने नौसेना के अधिकारियों को पत्र लिखकर दी थी। इस बीच तटीय सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में स्थापित शिवाजी महाराज की प्रतिमा 26 अगस्त को दोपहर एक बजे गिर गई थी। पीडब्ल्यूडी और नौसेना के अधिकारियों ने 27 अगस्त को सिंधुदुर्ग जाकर घटना की जांच की और नौसेना ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने की घटना के जांच के आदेश दिए। पुलिस ने इस मामले में ठेकेदार जयदीप आप्टे और सलाहकार चेतन पाटिल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
नौसेना ने अपने बयान में कहा था कि प्रतिमा गिरने के कारणों की तुरंत जांच करने, जल्द से जल्द मूर्ति की मरम्मत और फिर से उसकी स्थापना के लिए एक टीम नियुक्त की गई है। नौसेना ने गुरुवार को बताया कि सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हुए दुर्भाग्यपूर्ण नुकसान की जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधियों और तकनीकी विशेषज्ञों के साथ भारतीय नौसेना की अध्यक्षता में एक संयुक्त तकनीकी समिति का गठन किया जा रहा है। यह नुकसान क्षेत्र में असाधारण मौसम की स्थिति के कारण हुआ है। नौसेना प्रतिमा की मरम्मत, पुनर्स्थापना और उसे जल्द से जल्द बहाल करने के लिए सभी उपायों में सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है।