हवाई अभ्यास का दूसरा चरण 29 अगस्त से 14 सितंबर तक जोधपुर में होगा – अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ग्रीस, सिंगापुर और यूएई की वायु सेनाएं भी शामिल होंगी

नई दिल्ली, 27 अगस्त । भारतीय वायु सेना की मेजबानी में पहली बार हो रहे बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास ‘तरंग शक्ति’ के दूसरे चरण में बांग्लादेश भी हिस्सा लेगा। पश्चिमी क्षेत्र के जोधपुर में 29 अगस्त से 14 सितंबर तक होने वाले दूसरे चरण में बांग्लादेश के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ग्रीस, सिंगापुर और यूएई की वायु सेनाएं शामिल होंगी। बांग्लादेश को पहले ही आमंत्रित किया गया था लेकिन वहां अचानक राजनीतिक अस्थिरता के चलते अभ्यास में शामिल होने में असमंजस की स्थिति थी। अब बांग्लादेश की वायु सेना ने अपने हवाई बेड़े के साथ ‘तरंग शक्ति’ में आने की हामी भर दी है।

भारतीय वायु सेना की मेजबानी में होने वाला यह पहला बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास है। अभ्यास का पहला चरण 6-14 अगस्त तक दक्षिण भारत के सुलूर में हो चुका है, जिसमें जर्मनी, फ़्रांस, स्पेन और ब्रिटेन की वायु सेनाओं ने हिस्सा लिया था। दो चरणों के इस हवाई अभ्यास के लिए 51 देशों को आमंत्रित किया गया है, जिनमें 12 देशों की वायु सेनाएं भाग ले रही हैं और छह मित्र देश अपने अग्रणी लड़ाकू विमानों, परिवहन विमानों और मध्य-हवा में ईंधन भरने वाले विमानों के साथ सक्रिय रूप से भाग लेंगे। अभ्यास के पहले चरण में फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन और स्पेन की वायु सेनाओं के राफेल, टाइफून, एसयू-30, ए-400 सैन्य परिवहन विमान और एयरबस ए-330 मल्टी-रोल टैंकर परिवहन विमानों ने अद्भुत प्रदर्शन किया। भारतीय टुकड़ी ने हवाई युद्ध उड़ानों में भाग लेकर ‘आत्मनिर्भरता’ के तहत स्वदेशी क्षमताओं का प्रदर्शन किया।

वायु सेना के उप प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह ने बताया कि तरंग शक्ति का दूसरा और अंतिम चरण 29 अगस्त से 14 सितंबर तक राजस्थान के जोधपुर में होगा। अभ्यास के दूसरे चरण में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ग्रीस, बांग्लादेश, सिंगापुर और यूएई की वायु सेनाएं आ रही हैं। इन वायु सेनाओं के लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, विशेष ऑपरेशन विमान, मध्य हवा में ईंधन भरने वाले और हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली (अवाक्स) विमान सहित 70-80 विमान भाग लेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका इस अभ्यास में भाग लेने के लिए अपने एफ-35 विमान लाएगा, एयर मार्शल सिंह ने कहा कि हमारी योजना में एफ-35 विमान शामिल नहीं है। अमेरिका अपने एफ-16 और ए-10 विमानों के साथ भाग लेगा। इस चरण में 18 देश पर्यवेक्षकों के रूप में शामिल होंगे।