नई दिल्ली, 25 अगस्त। भारतीय मजदूर संघ ने नई पेंशन योजना की कमियों को एकीकृत पेंशन योजना(यूपीएस) के माध्यम से दूर किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है। हालांकि मजदूरों के संगठन का कहना है कि ओपीएस की तुलना में अभी भी इसमें कुछ खामियां हैं। भारतीय मजदूर संघ यूपीएस की अधिसूचना के प्रकाशन के बाद यूपीएस की विशेषताओं का विस्तृत अध्ययन करने के बाद ही इस संबंध में अपनी आगे की कार्रवाई तय करेगा।
एक बयान में भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि एनपीएस पर उठाए गए मुद्दों को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों का भारतीय मजदूर संघ हृदय से स्वागत करता है। घोषित की गई नई ‘एकीकृत पेंशन योजना’ पिछले 20 वर्षों से ‘एनपीएस और पुरानी पेंशन योजना की बहाली’ के खिलाफ आंदोलन के माध्यम से भारतीय मजदूर संघ और इसके सम्बद्ध राष्ट्रीय सरकारी कर्मचारी परिषद द्वारा सरकार पर लगातार दबाव का यह परिणाम है।
संघ ने आगे कहा कि हम लगातार मुख्य रूप से (i) पेंशन के रूप में मूल वेतन का 50 प्रतिशत सुनिश्चित करने, (ii) पेंशन के साथ महंगाई राहत का प्रावधान करने, (iii) न्यूनतम पेंशन 10,000/- रुपये करने, (iv) गैर अंशदायी प्रणाली आदि की मांग कर रहे थे, पुरानी पेंशन योजना की जो विशेषताएं रहीं, वह एनपीएस में नहीं हैं। उनमें से अधिकांश को नए यूपीएस में मूर्त रूप दिया गया है।
संगठन का कहना है कि यूपीएस के माध्यम से, केंद्र सरकार ने एनपीएस की कमियों को दूर करने का प्रयास किया है और हम सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हैं; लेकिन ओपीएस की तुलना में अभी भी कुछ खामियां हैं, अर्थात (i) यूपीएस एक अंशदायी पेंशन योजना है जहां ओपीएस में कर्मचारी को कुछ भी योगदान नहीं करना होता है; (ii) ओपीएस में पेंशन के कम्यूटेशन की सुविधा उपलब्ध है जो एनपीएस और यूपीएस में नहीं है।