इंफाल, 24 अगस्त मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और उनकी पार्टी कांग्रेस भारत की एकता को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इसे हास्यास्पद बताया कि जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ जाने पर विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री सिंह ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान राहुल गांधी से पूछा कि क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर के लिए अलग झंडे के नेशनल कांन्फ्रेंस के वादे और अनुच्छेद 370 एवं अनुच्छेद 35ए को बहाल करने के वादे के फैसले का समर्थन करती है? मुख्यमंत्री का दावा है कि ऐसा होने से यह क्षेत्र अशांति और आतंकवाद के पुराने युग में फिर से वापस चला जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस कश्मीर के युवाओं पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय पाकिस्तान के साथ बातचीत करके अलगाववाद को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस पाकिस्तान के साथ ‘एलओसी व्यापार’ शुरू करने के नेशनल कांफ्रेंस के फैसले का समर्थन करती है? उन्होंने कहा कि इससे सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा मिलेगा।
बीरेन सिंह ने पूछा कि क्या कांग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी में शामिल लोगों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में बहाल करने का समर्थन करती है, जिससे राज्य में उग्रवाद फिर से पनपेगा। उन्होंने कांग्रेस पर कश्मीर में आरक्षण विरोधी रुख अपनाने का भी आरोप लगाया। दलितों, गुज्जरों, बकरवालों और पहाड़ी समुदायों के लिए आरक्षण समाप्त करने पर उनके समर्थन को लेकर भी सिंह ने सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि क्या ‘शंकराचार्य हिल’ का नाम बदलकर ‘तख्त-ए-सुलेमान’ और ‘हरि हिल’ का नाम बदलकर ‘कोह-ए-मारन’ कांग्रेस रखना चाहती है।
मुख्यमंत्री सिंह ने कांग्रेस से इस पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा कि क्या कांग्रेस जम्मू और कश्मीर घाटी के बीच भेदभाव की नेशनल कांफ्रेंस की राजनीति और कश्मीर को स्वायत्तता देने की विभाजनकारी राजनीति का समर्थन करती है? संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री सिंह ने राहुल गांधी से और भी कई सवाल पूछे।