कोलकाता, 21 अगस्त। आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष बुधवार सुबह फिर से सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआई दफ्तर पहुंचे। सुबह लगभग 9:15 बजे संदीप की गाड़ी सीजीओ कॉम्प्लेक्स के सामने आकर रुकी, जिसके बाद वह एक फाइल लेकर सीधे अंदर चले गए। दूसरी ओर उन्हें कोलकाता पुलिस ने भी लालबाजार में तलब किया है और बुधवार दोपहर 12 बजे वहां हाजिर होने का निर्देश दिया गया है।
पिछले शुक्रवार से ही संदीप हर दिन सीजीओ कॉम्प्लेक्स में हाजिरी दे रहे हैं। उन्हें कभी 10 घंटे, कभी 12-13 घंटे तक सीबीआई दफ्तर में रहना पड़ रहा है। मंगलवार को भी उनसे 11 घंटे 30 मिनट तक पूछताछ की गई। बुधवार को वे तय समय से काफी पहले ही सीजीओ कॉम्प्लेक्स पहुंच गए। जब उनसे पूछा गया कि वे इतनी जल्दी क्यों पहुंचे हैं, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। यहां तक कि बार-बार तलब किए जाने के कारणों पर भी उन्होंने चुप्पी साधी रखी।
दूसरी ओर, बुधवार दोपहर 12 बजे संदीप को लालबाजार में भी हाजिर होने के लिए कहा गया है। इसे लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं और आरोप लग रहे हैं कि संदीप को सीबीआई से बचाने के लिए ही पुलिस एक्टिव हुई है।
नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला चिकित्सक की बलात्कार और हत्या के मामले में प्रतिक्रिया देते समय संदीप ने पीड़िता का नाम सार्वजनिक कर दिया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इसी कारण से उन्हें लालबाजार में तलब किया गया है। कई हलकों में यह सवाल उठाया गया था कि क्या वे कोलकाता पुलिस के बुलावे पर हाजिर होंगे या नहीं। इस बीच, बुधवार सुबह संदीप ने सीबीआई दफ्तर में हाजिरी दी। क्या वह लालबाजार भी जाएंगे? इस सवाल का उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
आरजी कर कांड में पीड़िता की तस्वीर और नाम-परिचय सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के मामले में पुलिस विभिन्न व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ने स्वयं पीड़िता का नाम सार्वजनिक किया था। इसके चलते कोलकाता पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और इसी मामले में पूछताछ के लिए उन्हें लालबाजार में बुलाया गया है। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि वे बुधवार को हाजिर होंगे या नहीं।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में कार्यरत महिला चिकित्सक के बलात्कार और हत्या की घटना के बाद संदीप घोष का नाम सुर्खियों में आया था। चिकित्सकों और छात्रों का आरोप था कि संदीप अत्यधिक ‘प्रभावशाली’ व्यक्ति हैं। कई लोगों ने आशंका जताई थी कि वे जांच प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। आरजी कर से ही उनके इस्तीफे की मांग उठी थी। इसी बीच, 12 अगस्त को संदीप ने मीडिया के सामने अपने इस्तीफे की घोषणा की और स्वास्थ्य भवन जाकर अपना इस्तीफा भी सौंप दिया। संदीप ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य और प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, कुछ ही समय बाद स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें नेशनल मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्त कर दिया। इसे लेकर जमकर आंदोलन हुए और हाई कोर्ट की फटकार के बाद उन्हें लंबी छुट्टी पर भेजा गया है।