नई दिल्ली, 17 अगस्त । कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा साइट आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। राज्यपाल के इस फैसले के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी जंग छिड़ गई है। भाजपा कथित भूमि घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री और उनकी सरकार के खिलाफ अभियान चला रही है और उनके इस्तीफे की मांग कर रही है। वहीं सिद्धारमैया ने अपने और अपनी पत्नी बीएम पार्वती के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है। सिद्धारमैया ने कहा कि वे राज्यपाल के जांच के आदेश के खिलाफ अदालत में चुनाैती देंगे।

एमयूडीए (मुडा) भूमि घोटाला विवाद सिद्धारमैया के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनकी पत्नी को मुआवजे के तौर पर जमीन आवंटित करने से जुड़ा है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप है कि इस प्रक्रिया में अनियमितता से सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। मामले में मुडा और राजस्व विभाग के शीर्ष अधिकारियों का भी नाम है। तीन कार्यकर्ताओं प्रदीप कुमार, टीजे अब्राहम और स्नेहमयी कृष्णा ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया था।

सिद्धारमैया ने दावा किया था कि जिस जमीन के लिए उनकी पत्नी को मुआवजा मिला था, उसे 1998 में उनके भाई मल्लिकार्जुन ने उपहार में दिया था लेकिन कार्यकर्ता कृष्णा ने आरोप लगाया कि मल्लिकार्जुन ने 2004 में अवैध रूप से इसे खरीदा था और सरकार और राजस्व अधिकारियों की मदद से जाली दस्तावेजों का उपयोग करके इसे पंजीकृत कराया था। जमीन को 1998 में खरीदा गया दिखाया गया था। पार्वती ने 2014 में इस जमीन के लिए मुआवजे की मांग की थी, जब सिद्धारमैया मुख्यमंत्री थे।

सिद्धारमैया ने इन आरोपों को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताकर खारिज कर दिया था और कहा था कि जब भाजपा सत्ता में थी, तब उनकी पत्नी को मुआवजा दिया गया था और यह उनका अधिकार था। उन्होंने पूछा, “वे (भाजपा) हैं जिन्होंने साइट दी है, अब अगर वे इसे अवैध कहते हैं, तो किसी को कैसे जवाब देना चाहिए?”

कर्नाटक के राज्यपाल द्वारा कथित मुडा घोटाले में उन पर मुकदमा चलाने की अनुमति दिए जाने पर सिद्धारमैया ने कहा केंद्र की भाजपा सरकार

कर्नाटक में मेरे नेतृत्व को बर्दाश्त नहीं कर रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि कर्नाटक सरकार ने सभी गारंटी योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया है। ये गारंटी योजनाएं सभी समुदायों, सभी धर्मों के गरीब लोगों के लिए हैं। केंद्र सरकार सामाजिक न्याय, गरीब लोगों और हमारी गारंटी के खिलाफ है। इसलिए साजिश रची जा रही है।

सिद्धारमैया ने आगे कहा किराज्यपाल द्वारा कथित मुडा घोटाले में उन पर मुकदमा चलाने की अनुमति दिए जाने की मंजूरी अवैध है। राज्यपाल केंद्र सरकार की कठपुतली हैं। इसलिए वे इस तरह की मंजूरी के खिलाफ अदालत में जाएंगे और वे अपनी लड़ाई लड़ेंगे।