भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने पत्रकार वार्ता में ममता सरकार को घेरा
संविधान की कापी लेकर घूमने वाले राहुल गांधी मौन क्यों: प्रत्युष कांत
देहरादून, 16 अगस्त। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रत्युष कांत ने कोलकाता में चिकित्सक की हत्या मामले में ममता सरकार की घेरते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून का राज समाप्त हो गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की शह पर वहां महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं। संविधान की कापी लेकर घूमने वाले राहुल गांधी भी मौन साधे हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रत्युष कांत शुक्रवार को यहां प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि इस नृशंस हत्या के आरोपितों और टीएमसी के बीच ऐसा क्या रिश्ता है, जिसका विरोध करने की हिम्मत कांग्रेस समेत विपक्ष के गठबंधन भी नहीं कर पा रही है। उन्होंने प्रश्न किया कि महिलाओं के बैंक खातों में खटखट पैसे डालने के झूठे वादे करने वाले अब महिला अत्याचार पर खटाखट प्रतिक्रिया देने से क्यों बच रहे हैं। संविधान की कॉपी हाथ में लेकर घूमने वाले विपक्षी नेता इस तरह संविधान की हत्या पर मौन क्यों है। उन्होंने कहा कि एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद अपराधियों को बचाने के प्रयास खुले आम किए गए। सात हजार उपद्रवियों की भीड़ अस्पताल पर हमला कर सबूत मिटाने कोशिश करती है और ममता सरकार का प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा। वह कौन सा रिश्ता ममता सरकार और अपराधियों के बीच हमेशा रहता है। उन्होंने कहा कि ऐसी तमाम घटनाएं हैं, जो स्पष्ट करती है कि पश्चिम बंगाल में अपराधियों के मन से कानून का डर खत्म हो गया है और वहां लॉ एंड आर्डर नाम की कोई चीज नहीं बची है।
उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी सरकार के संरक्षण में गुंडे महिलाओं पर अत्याचार कर रहे हैं। ममता के निर्मम शासन में बेटियां बलात्कार की भेंट चढ़ रही है। वहां लोकतंत्र को कुचलकर जनता की आवाज दबाई जा रही है। ममता बनर्जी की तुष्टिकरण से महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थान नहीं बचा है। टीएमसी के ममता राज में पश्चिम बंगाल में तालिबानी शासन आ चुका है। आज जो कुछ वहां हो रहा है, इसके लिए ममता को इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उनकी तानाशाही में बंगाल को हिंसा और अपराधों की आग में झोंक दिया है।
उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि यूं तो देश-विदेश में वे भारत की नीतियों और घटनाक्रम को लेकर बुराई करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं, लेकिन इस दिल दहलाने वाली घटना को लेकर लगातार सवाल खड़े करने के बाद भी उन्हें पांच दिन ट्वीट करने में लगते हैं। मैं लड़की हूं, लड़ सकती हूं, का नारा देने वाली प्रियंका गांधी अब तक एक शब्द भी इस घटना को लेकर नहीं बोलीं है। यही हाल इंडी गठबंधन के सभी बड़े नेताओं का है। घमंडियां गठबंधन इन अत्याचारों पर चुप्पी साधे बैठा है।
उन्होंने ममता बनर्जी और विपक्ष के गठबंधन के नेताओं से ऐसी घटनाओं को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि एक ओर ममता पीड़ित परिवार से मिलने का ढोंग रचती है और दूसरी तरफ इतने संवेदनशील मामले को सीबीआई से नहीं सौंप रही थी। राहुल गांधी ने बंगाल में हो रहे महिला अत्याचारों पर खटखट प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी? क्यों प्रियंका गांधी,अखिलेश यादव और अन्य सभी विपक्षी नेता अब तक इस मुद्दे पर मौन क्यों है?
पत्रकार वार्ता के दाैरान प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी, प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान, सह मीडिया प्रभारी कमलेश उनियाल, राजेंद्र नेगी, प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल, विपिन कैंथोला, हनी पाठक और कमलेश रमन मौजूद थे।