कोलकाता, 13 अगस्त । बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के काम शुरू करने के बाद भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बॉर्डर पर हालात सामान्य करने की कोशिशें शुरू कर दी है।तीन दिन के भीतर बीएसएफ और बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) के बीच कई दौर की द्विपक्षीय बैठकें हुईं हैं, जिनमें भारत-बांग्लादेश सीमा की मौजूदा स्थिति पर नियंत्रण और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चर्चा हुई है। गृह मंत्रालय के निर्देश पर मंगलवार को हुई बैठक में बीएसएफ के महानिदेशक के निर्देशों पर विशेष ध्यान दिया गया, जिसमें सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों के समन्वय को और मजबूत करने पर चर्चा की गई।
बीएसएफ अधिकारियों ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) की भूमिका की सराहना की, जिन्होंने बांग्लादेशी नागरिकों को सीमा पर आने से रोकने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। भारतीय नागरिकों और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बीजीबी के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। बीएसएफ के अधिकारी ने बताया कि नौ अगस्त को जब करीब 1500 बांग्लादेशी नागरिक कूचबिहार-लालमोनिरहाट जिले के अंतरराष्ट्रीय सीमा पर इकट्ठा हुए, तो बीजीबी ने स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर उन्हें सफलतापूर्वक वापस भेजने के प्रयास किए। यह घटना दोनों देशों के बीच सक्रिय समन्वय और संवाद की महत्वपूर्णता को दर्शाती है।
इन द्विपक्षीय बैठकों के दौरान सीमा सुरक्षा के अलावा अन्य आपसी हितों से जुड़े मुद्दों पर भी गहन चर्चा की गई। इसके साथ ही, कमांडरों ने बीजीबी के साथ विभिन्न ऑपरेशनल मामलों पर वास्तविक समय की जानकारी साझा करने के लिए एक प्रभावी समन्वय तंत्र तैयार किया। इसके अतिरिक्त पूर्वी कमांड की सीमा से लगे भारतीय गांवों में भी 232 बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें ग्रामीणों को बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी गई और सीमा प्रबंधन में उनके सहयोग को सुनिश्चित किया गया। बीएसएफ ने सभी स्तरों पर अपने संसाधनों का पूरा उपयोग करते हुए बीजीबी के साथ संवाद को मजबूत किया है, ताकि भारत-बांग्लादेश सीमा पर किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटा जा सके।