नई दिल्ली, 9 अगस्त। केंद्र सरकार ने मुस्लिम समुदाय की संपत्ति से जुड़े वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024 को आगे विचार के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में गुरुवार को यह विधेयक पेश किया था।

किरेण रिजिजू ने इस संबंध में शुक्रवार को लोकसभा में प्रस्ताव पेश किया और सदन से 21 नामों को समिति के लिए प्रस्तावित किया। संयुक्त संसदीय समिति में लोकसभा से जगदंबिका पाल, डॉ. निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या, अपराजिता सारंगी, डॉ. संजय जयसवाल, दिलीप सैकिया, अभिजीत गंगोपाध्याय, डीके अरुणा (सभी भाजपा), गौरव गोगोई, इमरान मसूद, डॉ. मोहम्मद जावेद (सभी कांग्रेस), मोहिबुल्ला (सपा), कल्याण बनर्जी (तृणमूल कांग्रेस), ए राजा (द्रमुक), लावु श्री कृष्ण देवरायलू (टीडीपी), दिलेश्वर कामैत (राजद), अरविंद सावंत (शिवसेना-यूबीटी), सुरेश गोपीनाथ म्हात्रे (एनसीपी-एसपी), नरेश गणपत म्हस्के (शिवेसना), अरुण भारती (एलजेपी-राम विलास) और असदुद्दीन औवेसी (एआईएमआईएम) शामिलि हैं। इसके अलावा राज्यसभा से इस समिति में 10 नाम और जोड़े जाएंगे।

रिजिजू ने कहा कि समिति अगले सत्र के प्रथम सप्ताह के अंतिम दिन रिपोर्ट करेगी। साथ ही राज्यसभा से समिति के लिए नाम तय करने के लिए भी कहा गया है।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा में गुरुवार को किरेन रिजिजू ने वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024 पेश किया था। साथ ही इससे जुड़े निष्क्रिय हो चुके पुराने अधिनियम को कागजों से हटाने के लिए ‘मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक-2024’ भी पेश किया था। नए विधेयक का नाम एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम होगा। अंग्रेजी में नाम यूनिफाइड वर्क मैनेजमेंट एंपावरमेंट एफिशिएंट एंड डेवलपमेंट ( उम्मीद) है।