उदयपुर, 08 अगस्त। विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्र संगठन मंत्री राजा राम ने कहा है कि भारत में हसीना शेख को शरण देना कोई ऐसी वजह नहीं है जिसके कारण ही हिंदू समाज को टारगेट किया जा रहा हो, हिंदू समाज तो 1947 से ही टारगेट रहा है चाहे वह पाकिस्तान हो, बांग्लादेश हो या वह देश जहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं। बांग्लादेश में सिर्फ हिंदू ही नहीं, बौद्ध, जैन पारसी भी टारगेट किए जा रहे हैं। यह उस समुदाय की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
राजाराम गुरुवार को यहां विश्व संवाद केंद्र में पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि मानवाधिकारों को लेकर आवाज उठाने वाले विभिन्न स्वयंसेवी, राजनीतिक संगठनों को हिंदुओं पर होते अत्याचार नजर नहीं आते हैं। भारत में यदि मुस्लिम समुदाय के साथ कोई घटना हो जाती है, तो चीख पुकार मच जाती है, लेकिन अभी बांग्लादेश में हिंदुओं पर जो हमले हो रहे हैं उस पर ऐसे संगठनों की चुप्पी सवाल खड़ा करती है। वे यह पूछना चाहते हैं कि अल्पसंख्यक-अल्पसंख्यक में भी अंतर होता है क्या।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू जो कभी 32% थे, अब 8% से भी कम बचे हैं और वे भी लगातार जिहादी उत्पीड़न के शिकार हैं। वहां पीड़ित अल्पसंख्यकों की हालत बद से भी बदतर होती जा रही है। यह स्थिति चिंतनीय है।
राजाराम ने कहा कि हमारा पड़ोसी बांग्लादेश एक विचित्र अनिश्चितता, हिंसा और अराजकता में फंसा हुआ है। हसीना सरकार के त्यागपत्र और उनके देश छोड़ने के बाद अन्तरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है। संकट की इस घड़ी मे भारत बांग्लादेश के समस्त समाज के साथ एक मित्र के नाते मजबूती से खड़ा है।
उन्होने कहा कि विश्व समुदाय की यह जिम्मेवारी है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा व मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कार्यवाही करे।
विश्व हिन्दू परिषद भारत सरकार से यह आग्रह करती है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए।
यह संभव है कि इस परिस्थिति का लाभ उठा कर सीमा पार से घुसपैठ का एक बड़ा प्रयत्न किया जाए। इससे सतर्क रहना होगा।
उदयपुर में हुई कन्हैया लाल हत्याकांड जैसी घटना पर चित्तौड़ प्रांत के सह मंत्री सुंदर कटारिया ने कहा कि विहिप तब भी नूपुर शर्मा के साथ खड़ा था और आज भी साथ खड़ा है।