नई दिल्ली, 04 अगस्त। वाल्मीकि समाज ने रविवार को जंतर-मंतर पर जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के कार्यवाहक रजिस्ट्रार सहित कई उच्च पदस्थ अधिकारियों-प्रोफेसरों के खिलाफ महापंचायत कर अपना विरोध दर्ज कराया। समाज ने आरोपित अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर गिरफ्तार करने की मांग की है।
जामिया मिलिया इस्लामिया के प्राकृतिक विज्ञान विभाग में सहायक के पद पर कार्यरत वाल्मीकि समाज के राम निवास सिंह ने विश्वविद्यालय के कार्यवाहक रजिस्ट्रार प्रो. नाजिम हुसैन अल-जाफरी, डिप्टी रजिस्ट्रार एम. नसीम हैदर और विदेशी भाषा के विभागाध्यक्ष प्रो. शाहिद तसलीम पर जबरन धर्म परिवर्तन और उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पीड़ित ने इस संबंध में पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई है।
वाल्मीकि चौधरी सरपंच कमेटी दिल्ली प्रदेश के नेतृत्व में आज दिल्ली सर्व समाज और वाल्मीकि महापंचायत ने जामिया के रजिस्ट्रार और उच्च पदस्थ अधिकारियों-प्रोफेसरों के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसमें बड़ी संख्या में सर्वसमाज के लोग शामिल हुए और मांग की कि आरोपित रजिस्ट्रार और प्रोफेसरों को तुरंत निलंबित किया जाये।
महापंचायत ने जामिया के उच्च अधिकारियों पर आरोप लगाया कि यहां दलित, शोषित एवं वाल्मीकि समाज के लोगों पर दिल्ली के जामिया-मिलिया इस्लामिया केंद्रीय विश्वविद्यालय में वर्षों से घोर अत्याचार और अन्याय हो रहा है। लेकिन अब तो बात धर्म परिवर्तन तक आ चुकी है, इसलिए हमें सबको जागना होगा।
वाल्मीकि समाज के लोगों ने मंच से कहा कि यह दुख का विषय है कि देश के एक उच्च शिक्षण संस्थान द्वारा उसके विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारियों द्वारा लगातार जातिसूचक शब्दों एवं गालियों से पुकार कर अपमानित करने के साथ धर्मांतरण के लिए निरंतर दबाव बनाते हुए कहते हैं कि तेरी सारी समस्याओं का समाधान हो जाएगा, तू इस्लाम अपना ले। पहले भी इस विश्वविद्यालय एवं अन्य कई शैक्षणिक संस्थाओं में कई हिंदू धर्म परिवर्तन कर चुके हैं।
वाल्मीकि समाज का कहना है कि यह आन्दोलन तब तक चलेगा, जब तक कि उक्त तीनों को उनके पद से नहीं हटाया जाता और गिरफ्तार किया जाता। पीड़ित को भय है कि जब तक यह लोग यहां पर हैं, वे किसी भी गलत केस में उन्हें फंसा सकते हैं। समाज के लोगों का कहना है कि हम जाति के आधार पर हो रहे भेदभाव और धर्मांतरण करने के लिए बनाए जा रहे दबाव का विरोध करते हैं।