कोलकाता, 04 अगस्त । भारतीय जनता पार्टी ने वन विभाग की महिला अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार करने पर पश्चिम बंगाल के मंत्री अखिल गिरि को हटाने की मांग की है। यह घटना पूर्व मेदिनीपुर जिले के ताजपुर समुद्र तट वन विभाग की भूमि पर अवैध अतिक्रमण हटाने के दौरान हुई।
राज्य भाजपा नेता और कलकत्ता हाई कोर्ट के वकील कौस्तव बागची ने इस संबंध में राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस को पत्र भेजा है। बागची ने अपने पत्र में कहा है कि मंत्री गिरि आदतन अपराधी हैं।
पत्र में बागची ने लिखा कि गिरि, जो महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक और नारी विरोधी टिप्पणियों के लिए कुख्यात हैं, ने पश्चिम बंगाल वन विभाग की एक महिला अधिकारी को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी और गंदे शब्दों का इस्तेमाल किया। पहले भी गिरि ने भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिसके लिए उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी। लेकिन लगता है कि उन्होंने इससे कोई सबक नहीं सीखा।
इस घटना के बाद तृणमूल कांग्रेस ने स्थिति को संभालने की कोशिश की। तृणमूल नेता कुणाल घोष ने कहा कि पार्टी मंत्री के इस व्यवहार का समर्थन नहीं करती है। वन विभाग की राज्य मंत्री बिरबाहा हांसदा ने भी महिला अधिकारी से व्यक्तिगत रूप से बात कर मामले की जानकारी ली और अपनी नाराजगी जाहिर की।
शनिवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें मंत्री अखिल गिरि महिला वन विभाग अधिकारी को अपशब्द कहते हुए और धमकाते हुए नजर आए। वीडियो में मंत्री गिरि अधिकारी से कहते हुए सुने गए, “तुम सरकारी कर्मचारी हो, मुझसे बात करते समय सिर झुका कर बोलो। देखो एक हफ्ते के अंदर क्या होता है… अपने तरीके सुधारो। देखना जब लोग तुम्हें लाठियों से मारेंगे तब क्या होता है।”
गिरि ने आरोप लगाया कि महिला अधिकारी के निर्देश पर वन विभाग के कर्मचारियों ने रात के समय दुकानों को तोड़ा, जब तेज बारिश हो रही थी। महिला अधिकारी ने गिरि से पूछा कि कैसे उन्हें अपनी ड्यूटी करने के लिए हटाया जा सकता है, जिस पर गिरि ने पूछा कि तुम्हें किसने रात की ड्यूटी पर भेजा था? दुकानों को रात में क्यों तोड़ा गया?