कोलकाता, 01 अगस्त । भाजपा के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने गुरुवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर पश्चिम बंगाल को विभाजित करने के आरोप लगाने के लिए तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का ऐसा कोई इरादा नहीं है। घोष ने यह भी कहा कि तृणमूल द्वारा राज्य विधानसभा में सोमवार को इस कथित विभाजन प्रयास के खिलाफ प्रस्ताव और प्रस्तावना लाने का निर्णय सही नहीं है।
घोष ने आरोप लगाया कि तृणमूल राज्य के उत्तरी जिलों के विकास में बाधा डाल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के बंगाल अध्यक्ष और बालुरघाट सांसद सुकांत मजूमदार ने इस क्षेत्र के लिए एक विकास योजना का प्रस्ताव रखा था, लेकिन तृणमूल ने इसका विरोध किया।
घोष ने कहा कि भाजपा ने कभी भी पश्चिम बंगाल को विभाजित करने की वकालत नहीं की, और न ही इसे किसी भी घोषणापत्र में शामिल किया। हमारे संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने पश्चिम बंगाल के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हम (भाजपा) भी अन्य लोगों की तरह बंगाल को संजोते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल चुनावी लाभ के लिए राज्य को विभाजित करने की राजनीति कर रही है। घोष ने कहा कि बंगाल के लोगों को उन लोगों के प्रति जागरूक रहना चाहिए जो विभाजन को एक राजनीतिक उपकरण के रूप में उपयोग कर रहे हैं।
घोष ने यह भी आरोप लगाया कि तृणमूल ने उत्तर बंगाल के लोगों को धोखा दिया है और इस क्षेत्र के विकास का विरोध किया है। उन्होंने बताया कि मजूमदार ने इस क्षेत्र के लिए एक विकास योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की थी। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से विभिन्न सरकारों द्वारा उत्तर बंगाल के लोगों को धोखा दिया गया है। तृणमूल उत्तर बंगाल के विकास के खिलाफ है।
विधानसभा का दौरा करने के दौरान, घोष ने पार्टी विधायकों और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी से मुलाकात की और बताया कि तृणमूल ने एक अलग उत्तर बंगाल विकास विभाग, ‘उत्तर कन्या’ (एक शाखा सचिवालय) और गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) की स्थापना की थी, लेकिन इनसे क्षेत्र की स्थिति में सुधार नहीं हुआ।
घोष ने कहा कि मैं विधानसभा में अपने पार्टी विधायकों और मीडिया मित्रों से मिलने और अपना 60वां जन्मदिन मनाने आया था।