राष्ट्रीय कवि संगम का कारगिल के शहीदों को नमन

कोलकाता, 30 जुलाई। कारगिल विजय दिवस, मातृ-पितृ दिवस, सावन एवं भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि के अवसर पर राष्ट्रीय कवि संगम की मध्य कोलकाता इकाई ने, संस्था के प्रांतीय अध्यक्ष  डॉ. गिरधर राय की अध्यक्षता में, एक अभूतपूर्व आभासी काव्य गोष्ठी का आयोजन किया।

निदरलैंड से राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय महामंत्री एवं पश्चिम बंगाल के प्रभारी डॉ० अशोक बत्रा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं छत्तीसगढ़ से मल्लिका रुद्रा विशिष्ट अतिथि के रूप में ने उपस्थित रहे। इनके अलावा प्रांतीय उपाध्यक्ष श्यामा सिंह, प्रांतीय सह महामंत्री बलवंत सिंह गौतम एवं प्रांतीय मीडिया प्रमुख देवेश मिश्र भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।

कार्यक्रम का संयोजन मध्य कोलकाता के जिला अध्यक्ष रामाकांत सिन्हा ने एवं संचालन मध्य कोलकाता की जिला महामंत्री स्वागता बसु ने किया । कार्यक्रम की शुरूआत श्वेता गुप्ता श्वेताम्बरी ने सरस्वती वन्दना से की। स्वागत भाषण रामाकांत सिन्हा ने दिया।

इस अवसर पर विकास ठाकुर, सौमी मजुमदार, आलोक चौधरी, विष्णुप्रिया त्रिवेदी, भारती मिश्रा, गजेन्द्र नाहटा, ऊषा जैन, स्वागता बासु, रामाकांत सिन्हा, देवेश मिश्र। कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण डॉ० अशोक बत्रा रहे जिनके वक्तव्य ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी रचना ‘पाकिस्तान लट्ठ बिन कभी  नहीं मानेगा’ सुनकर सभी ठहाके लगा उठे।

मल्लिका रुद्रा ने मिसाइल मैन कलाम पर वक्तव्य रखते हुए कहा कि कलाम साहब जब भी विफल  होते थे तो उस विफलता का पूरा दायित्व अपने ऊपर वहन करते थे मगर जब भी सफल होते थे तो उसका श्रेय अपनी पूरी टीम को देते थे। मल्लिका ने कलाम साहब के कई अनछुए पहलुओं को उजागर किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ० गिरिधर राय ने अपनी आने वाली पुस्तक ‘तामाशा बाकी है’ से कुछ पंक्तियाँ सुनाई।  कार्यक्रम में चंद्रिका प्रसाद अनुरागी, हिमाद्रि मिश्रा, विजय इस्सर, आशुतोष मणि त्रिपाठी, दीपक सिंह, नीलम मिश्रा, राधारानी, नितेश राय एवं नारायण शाह भी उपस्थित रहे।  धन्यवाद ज्ञापन विकास ठाकुर ने किया |