कोल्हापुर जिले में 40 सड़कें बंद, 160 से अधिक गांवों का संपर्क टूटा, 159 मकान ढहे

मुंबई, 26 जुलाई। पंचगंगा नदी में आई बाढ़ का पानी कोल्हापुर जिले के शहरों में घुसने से जनजीवन बेहाल हो गया है। बाढ़ का पानी शहरों में आ जाने से जिले की 40 सड़कें बंद कर दी गई हैं, इससे 160 से अधिक गांवों का संपर्क टूट गया है। बाढ़ से अब तक जिले में 159 मकान से अधिक कच्चे और पक्के घर गिर गए हैं और पांच हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थलों पर स्थानांतरित किया गया है।

पंचगंगा नदी का जलस्तर पिछले 12 घंटे में 1 फुट 4 इंच बढ़ गया है। गुरुवार की रात 9 बजे राजाराम बंधारा पर पंच गंगा का जलस्तर 43 फीट 6 इंच था। शुक्रवार को सुबह 9 बजे जलस्तर 44 फीट 10 इंच तक पहुंच गया। बताया जा रहा है कि सुबह से पानी प्रति घंटे तीन इंच बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का पानी शिरोल, शाहुपुरी, आदि शहरीय इलाकों में घुस गया है और व्यापारियों का भारी पैमाने पर नुकसान हुआ है। बाढ़ की वजह से कोल्हापुर जिले में कस्बा बावड़ा एमआईडीसी-शिरोली मार्ग पर स्वाद ओढ़ा में पानी भर गया है। जलस्तर बढ़ने से जिले के 95 बांध पानी में डूब गये हैं, जिससे 160 से अधिक गांवों का सीधा संपर्क टूट गया है।

बाढ़ का पानी लगातार बढ़ने से 11 राज्य मार्ग और 29 प्रमुख जिला मार्ग सहित कुल 40 सड़कें बंद हो गई हैं। साथ ही जिले के 21 रूटों पर एसटी ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। जिले में हो रही भारी बारिश से 159 मकान ढहे हैं। पिछले 24 घंटे में दो सार्वजनिक संपत्तियों को 1 लाख 70 हजार का नुकसान हुआ है, जबकि 179 निजी संपत्तियों को 72 लाख का नुकसान हुआ है। अंबेवाडी-चिखली गांव, अंबार्डे, सुतारवाड़ी आदि इलाकों में 5 हजार से अधिक लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है।

जिला कलेक्टर अमोल येडगे ने चिखली, अंबेवाडी, सोनताली आदि का निरीक्षण किया और उन्होंने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि अभी भी समय है, जल्दी लोग सुरक्षित स्थलों चले जाएं। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि जलस्तर बढ़ने पर कोई घर में न रहे। कलेक्टर ने जिले में चल रहे राहत और बचाव कार्य का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने अंबेवाडी में कुछ ग्रामीणों से भी बातचीत की और सतर्क रहने की अपील की है।